वित्त मंत्रालय को उम्मीद, नई पूंजी डालने से चार सरकारी बैंक पीसीए दायरे से निकल आयेंगे बाहर
पिछले हफ्ते सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैकों को मिलाकर चार बड़े सरकारी बैंक बनाने की घोषणा की थी। इसमें यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक आफ कामर्स का पंजाब नेशनल बैंक के साथ विलय शामिल है।
नयी दिल्ली। वित्त मंत्रालय को उम्मीद है कि हाल में की गई घोषणा के अनुरूप बैंकों में नई पूंजी डालने के बाद भारतीय रिजर्वबैंक (आरबीआई) की त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए)व्यवस्था में रह गये चार बैंक भी इसके दायरे से बाहर निकल आयेंगे। वर्तमान में सिर्फ चार बैंक- इंडियन ओवरसीज बैंक (आईओबी), सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ,यूको बैंक और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया- पीसीए के दायरे में हैं। इस कार्रवाई के तहत आने वाले बैंकों पर कई तरह के प्रतिबंध लागू हो जाते हैं। उन्हें नया कर्ज देने, प्रबंधन के पारितोषिक और निदेशकों की फीस जैसे मामलों में कई तरह के प्रतिबंधों का सामना करना होता है।
सरकार ने शुक्रवार को इन चार बैंकों में 10,800 करोड़ रुपये की पूंजी डालने की घोषणा की है। इंडियन ओवर सीज बैंक को सबसे ज्यादा 3,800 करोड़ रुपये की पूंजी मिली है। सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को 3,300 करोड़ रुपये, यूको बैंक को 2,100 करोड़ और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को 1,600 करोड़ रुपये की नई पूंजी दी जायेगी। वित्त सचिव राजीव कुमार ने बताया, यह नियामकीय पूंजी इतनी ज्यादा है कि इससे चारों बैंक इस साल ही पीसीए व्यवस्था से बाहर निकलने में सक्षम हो जायेंगे।’’
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उन्होंने कहा, यूनाइटेड बैंक विलय के चलते बाहर आ जाएगा जबकि सरकार ने इंडियन ओवरसीज बैंक ,सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और यूको बैंक को पर्याप्त पूंजी दी है। यह पूंजी इन बैंकों को पीसीए के दायरे से बाहर निकलने में मदद करेगी। पिछले हफ्ते सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैकों को मिलाकर चार बड़े सरकारी बैंक बनाने की घोषणा की थी। इसमें यूनाइटेड बैंक आफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक आफ कामर्स का पंजाब नेशनल बैंक के साथ विलय शामिल है। इस विलय के बाद भारतीय स्टेट बैंक के बाद पीएनबी सार्वजनिक क्षेत्र का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन जायेगा।
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