रियल स्टेट के लिए नाकाफी है 6 माह का वक्त ! क्रेडाई अध्यक्ष बोले- विशेष आर्थिक पैकेज की थी उम्मीद
बिल्डरों की संस्था क्रेडाई के अध्यक्ष प्रशांत तिवारी ने निराशा जताते हुए कहा कि हम लोगों ने रेरा के समक्ष एक साल की समयसीमा बढ़ाए जाने की मांग रख चुके थे।
हालांकि, इस घोषणा के बावजूद आर्थिक पैकेज की उम्मीद लगाए बैठे बिल्डरों को काफी मायूसी हुई है। रियल स्टेट से जुड़े हुए लोगों ने 6 महीने की मिली राहत को नाकाफी बताया है। इन लोगों ने कहा कि पूरा सेक्टर आर्थिक हालातों से जूझ रहा है। उन्होंने कहा कि दूसरे उद्योगों की तरह इस सेक्टर को भी विशेष आर्थिक पैकेज मिलना चाहिए था।
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6 महीने की राहत मिलने से नहीं पड़ेगा ज्यादा फर्क
बिल्डरों की संस्था क्रेडाई के अध्यक्ष प्रशांत तिवारी ने निराशा जताते हुए कहा कि हम लोगों ने रेरा के समक्ष एक साल की समयसीमा बढ़ाए जाने की मांग रख चुके थे। हालांकि सरकार ने 6 महीने की राहत दी है। इससे हमारे सेक्टर को ज्यादा फर्क नहीं पड़ने वाला है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात को देखते हुए सरकार को तो समयसीमा बढ़ानी ही पड़ती लेकिन हम लोग विशेष आर्थिक पैकेज की उम्मीद लगाए बैठे हुए थे। मगर हमें निराशा ही मिली।
बिल्डरों के लिए भी लेनी चाहिए गारंटी
आर्थिक पैकेज के ऐलान के बाद क्रेडाई के पूर्व अध्यक्ष मनोज गौड़ ने कहा कि जिस तरह सरकार उद्योगों के लिए बैंकों से लोन लेने में गारंटी ले रही है, ठीक उसी प्रकार बिल्डरों के लिए यह कदम उठाया जाना चाहिए था। इससे छोटे बिल्डरों को काफी फायदा होता। अभी हालात यह हैं कि पैसों की कमी की वजह से ये लोग अफना काम नहीं कर पा रहे हैं।
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गौरतलब है कि वित्त मंत्री ने बुधवार को कहा कि रियल एस्टेट (नियमन एवं विकास) कानून यानी रेरा कानून के तहत कोरोना वायरस महामारी को ‘दैवीय आपदा’ माना जाएगा। इससे बिल्डरों को परियोजनाओं को पूरा करने के लिए और समय दिया जा सकेगा। यह राहत रेरा के तहत पंजीकृत उन सभी परियोजनाओं को मिलेगी जिनकी समयसीमा 25 मार्च या उसके बाद समाप्त हो रही है।
वित्त मंत्री ने कहा कि नियामक 25 मार्च या उसके बाद पूरी होने वाली सभी पंजीकृत परियोजनाओं के लिए स्वत: समयसीमा छह माह तक बढ़ा सकेंगे। जरूरत होने पर इन परियोजनाओं को पूरा करने की समयसीमा तीन महीने और बढ़ाई जा सकेगी।
.@MoHUA_India will advise States/UTs and their Regulatory Authorities to extend the registration and completion date suo-moto by 6 months for all registered projects expiring on or after 25th March, 2020 without individual applications pic.twitter.com/SBChFjXVGv
— PIB India #StayHome #StaySafe (@PIB_India) May 13, 2020
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