पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास के लिये बिजली क्षेत्र का विकास जरूरी: आरके सिंह
अपने संबोधन में सिंह ने बिजली क्षेत्र में पिछले तीन-चार साल में उपलब्धियों को रेखांकित किया। हालांकि उन्होंने व्यवस्था को टिकाऊ बनाने के लिये समन्वित प्रयास की जरूरत पर बल दिया।
नयी दिल्ली। बिजली मंत्री आर के सिंह ने मंगलवार को कहा कि देश के पूर्वोत्तर राज्यों का विकास केन्द्र सरकार की उच्च प्राथमिकता में है और इन राज्यों के आर्थिक विकास के लिए विद्युत क्षेत्र का विकास पहली शर्त है। सिंह ने गुवाहाटी में पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्य सचिवों और प्रधान सचिवों की बैठक में यह बात कही। बैठक में बिजली मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों और बिजली वितरण कंपनियों के प्रतिनिधि भी शामिल हुए। नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय तथा कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री की भी जिम्मेदारी संभाल रहे सिंह ने कहा, ‘‘देश के पूर्वोत्तर राज्यों का विकास केन्द्र सरकार की उच्च प्राथमिकता में है और इन राज्यों के आर्थिक विकास के लिए विकसित विद्युत क्षेत्र पहली शर्त है।’’
Shri @RajKSinghIndia, MoS (Power, New & Renewable Energy), called on CM Shri @sarbanandsonwal in Guwahati.
— Chief Minister Assam (@CMOfficeAssam) August 26, 2019
Various initiatives to improve the power scenario of Assam, status of schemes like Saubhagya, MMADY etc were discussed in the meeting. pic.twitter.com/jCaq1CkB7S
अपने संबोधन में सिंह ने बिजली क्षेत्र में पिछले तीन-चार साल में उपलब्धियों को रेखांकित किया। हालांकि उन्होंने व्यवस्था को टिकाऊ बनाने के लिये समन्वित प्रयास की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा, ‘‘चौबीस घंटे बिजली उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता पूरी करने के लिए हमें घाटे को कम करना होगा और बिजली वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) में सुधार करना होगा।’’ सिंह ने कुछ राज्यों का जिक्र किया जहां वाणिज्यिक नुकसान काफी अधिक था लेकिन उसे 15 प्रतिशत या उससे कम पर लाया जा सका है। उन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों से बिजली चोरी रोकने के लिये स्मार्ट और प्रीपेड मीटर अपनाने का आग्रह किया।
मंत्री ने बिजली संबंधी ढांचागत सुविधा के लिये केंद्र सरकार की तरफ से हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। सिंह ने यह भी कहा कि केन्द्रीय सरकार की योजनाओं के लिए अनुदान केवल उन्हीं राज्यों को उपलब्ध कराया जाएगा, जो घाटे में कमी लाने जैसे अन्य सुधार करेंगे। पूर्वोत्तर भारत में अपार पनबिजली क्षमता मौजूद है और पनबिजली परियोजनाओं में राज्य सरकारों की महत्वपूर्ण भूमिका है।उन्होंने क्षेत्र में पनबिजली विकास के लिये सभी पक्षों से अपील की कि वे इस क्षमता का दोहन करने के लिए सहयोग करें। इस अवसर पर 2,000 मेगावाट क्षमता की सुबनसिरी लोअर पनबिजली परियोजना से विद्युत आपूर्ति के लिए अरुणाचल प्रदेश और एनएचपीसी लिमिटेड के बीच बिजली खरीद समझौते (पीपीए) पर हस्ताक्षर किए गए।
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