अर्थव्यवस्था पर छाया संकट, छोटे कारोबारियों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें!
अर्थव्यवस्था का संकट और गहराता दिखाई दे रहा है। लघु उद्योग क्षेत्र में धारणा अर्थव्यवस्था के व्यापक हालातों से प्रभावित होने के संकेत हैं। यह बात सार्वजनिक क्षेत्र के सिडबी के एक तिमाही सर्वेक्षण में सामने आयी है। कुछ ही दिन पहले ही देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 25 तिमाहियों में सबसे निचले स्तर पर चले जाने यानी पांच प्रतिशत तक पहुंच जाने की बात सामने आयी है। ऐसे में यह सर्वेक्षण अर्थव्यवथा का संकट और गहराने की ओर इशारा करता है।
मुंबई। अर्थव्यवस्था का संकट और गहराता दिखाई दे रहा है। लघु उद्योग क्षेत्र में धारणा अर्थव्यवस्था के व्यापक हालातों से प्रभावित होने के संकेत हैं। यह बात सार्वजनिक क्षेत्र के सिडबी के एक तिमाही सर्वेक्षण में सामने आयी है। कुछ ही दिन पहले ही देश की अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 25 तिमाहियों में सबसे निचले स्तर पर चले जाने यानी पांच प्रतिशत तक पहुंच जाने की बात सामने आयी है। ऐसे में यह सर्वेक्षण अर्थव्यवथा का संकट और गहराने की ओर इशारा करता है।
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सर्वेक्षण रेटिंग एजेंसी क्रिसिल के साथ मिलकर किया गया है। इसे मंगलवार को जारी किया गया। हालांकि, इस क्षेत्र में रोजगार को लेकर धारणा सकारात्मक दिख रही है। आधिकारिक बयान के अनुसार क्रिसिडेक्स जून तिमाही में गिरकर 120 अंक पर आ गया जबकि इससे पिछली मार्च तिमाही में यह 122 अंक पर था। क्रिसिडेक्स सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग परिदृश्य का सूचकांक है।
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