ई-नीलामी के जरिये कोल इंडिया का कोयला आबंटन 38 प्रतिशत घटा
यह वित्त वर्ष 2017-18 के इसी महीने में 37.9 लाख टन था। कोल इंडिया की वेबसाइट के अनुसार ई-नीलामी के जरिये कोयला वितरण उन कंपनियों को ध्यान में रखकर शुरू किया गया जो उपलब्ध संस्थागत व्यवस्था के जरिये ईंधन की खरीद नहीं कर पा रहे थे।
नयी दिल्ली। सार्वजनिक क्षेत्र की कोल इंडिया ने हाजिर ई-नीलामी योजना के तहत पिछले वित्त वर्ष (2018-19) में3.43 करोड़ टन कोयला आबंटन किया। यह एक साल पहले से 37.7% कम रहा। सरकारी आंकड़े के अनुसार देश की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी ने वित्त वर्ष 2017-18 में 5.52 करोड़ टन ईंधन (कोयला) का आबंटन किया।
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हालांकि मार्च में योजना के तहत सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी द्वारा आबंटित कोयला 10.2 प्रतिशत बढ़कर 41.8 लाख टन पहुंच गया। यह वित्त वर्ष 2017-18 के इसी महीने में 37.9 लाख टन था। कोल इंडिया की वेबसाइट के अनुसार ई-नीलामी के जरिये कोयला वितरण उन कंपनियों को ध्यान में रखकर शुरू किया गया जो उपलब्ध संस्थागत व्यवस्था के जरिये ईंधन की खरीद नहीं कर पा रहे थे।
ई-नीलामी का मकसद सभी खरीदारों को एकल खिड़की सेवा के जरिये आनलाइल कोयला खरीदने का समान अवसर उपलब्ध कराना है। कोल इंडिया का घरेलू कोयला उत्पादन में हिस्सेदारी 80 प्रतिशत से अधिक है। कंपनी का कोयला उत्पादन 2018-19 में 7 प्रतिशत बढ़कर 60.69 करोड़ टन रहा। इससे पूर्व वित्त वर्ष में कोयला उत्पादन 56.74 करोड़ टन था।
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