ICICI Bank Loan मामले में सीबीआई का बड़ा कदम, वीडियोकॉन के संस्थापक वेणुगोपाल धूत गिरफ्तार
केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने आईसीआईसीआई बैंक ऋण मामले में बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। सीबीआई ने वीडियोकॉन के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया है। आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व सीईओ एवं एमडी चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को विशेष अदालत में उनकी हिरासत संबंधी सुनवाई के लिए पेश किया था।
नयी दिल्ली। केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने आईसीआईसीआई बैंक ऋण मामले में वीडियोकॉन के संस्थापक वेणुगोपाल धूत को सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एजेंसी ने मुंबई में सुबह धूत (71) से थोड़ी देर पूछताछ करने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया। इससे कुछ घंटे पहले ही आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एवं प्रबंध निदेशक (एमडी) चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को विशेष अदालत में उनकी हिरासत संबंधी सुनवाई के लिए पेश किया था।
उन्होंने बताया कि सीबीआई इन तीनों और अन्य संदिग्धों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने पर विचार कर रही है। कोचर दंपति की तीन दिन की हिरासत सोमवार को समाप्त हो रही है , उन्हें 23 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था। सीबीआई ने चंदा कोचर और उनके पति दीपक को जांच में सहयोग नहीं करने और स्पष्ट जवाब न देने के आरोप में हिरासत में ले लिया था। चंदा कोचर ने अपने पति और धूत के बीच किसी भी तरह के आर्थिक लेन-देन की जानकारी होने से इनकार किया, जिसका एजेंसी ने 24 दिसंबर को मुंबई में सीबीआई की विशेष अदालत के समक्ष सुनवाई के दौरान दावा किया था।
कोचर दंपति की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अमित देसाई ने हिरासत का विरोध करते हुए कहा, ‘‘ ऋण लेने वाले मुख्य कर्जदार को गिरफ्तार नहीं किया गया है और वर्तमान आरोपी किसी भी राशि के लाभार्थी नहीं थे।’’ देसाई ने जुलाई 2021 में आईसीआईसीआई बैंक द्वारा सीबीआई को लिखे एक पत्र को भी अदालत के संज्ञान में रखा, जिसमें कहा गया था कि उसे उन गतिविधियों से कोई नुकसान नहीं हुआ है, जो सवालों के घेरे में है। अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई ने कोचर दंपति और धूत के अलावा दीपक कोचर द्वारा संचालित नूपावर रिन्यूएबल्स (एनआरएल), सुप्रीम एनर्जी, वीडियोकॉन इंटरनेशनल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड तथा वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड को भारतीय दंड संहिता की धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2019 के तहत दर्ज प्राथमिकी में आरोपी बनाया है।
एजेंसी का आरोप है कि आईसीआईसीआई बैंक ने वेणुगोपाल धूत द्वारा प्रवर्तित वीडियोकॉन समूह की कंपनियों को बैंकिंग विनियमन अधिनियम, आरबीआई के दिशानिर्देशों और बैंक की ऋण नीति का उल्लंघन करते हुए 3,250 करोड़ रुपये की ऋण सुविधाएं मंजूर की थीं। प्राथमिकी के अनुसार, इस मंजूरी के एवज में धूत ने सुप्रीम एनर्जी प्राइवेट लिमिटेड (एसईपीएल) के माध्यम से नूपावर रिन्यूएबल्स में 64 करोड़ रुपये का निवेश किया और 2010 से 2012 के बीच हेरफेर करके पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट को एसईपीएल स्थानांतरित की। पिनेकल एनर्जी ट्रस्ट तथा एनआरएल का प्रबंधन दीपक कोचर के ही पास था।
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