बीपीसीएल का मूल्यांकन ऊंचा, बोली दस्तावेज के आकलन के बाद लेंगे फैसला: अनिल अग्रवाल

bpcl-s-valuation-high-will-decide-after-assessment-of-bid-document-anil-aggarwal
[email protected] । Mar 1 2020 1:48PM

खनन क्षेत्र के दिग्गज कारोबारी अनिल अग्रवाल ने कहा है कि भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) का मूल्यांकन काफी ऊंचा है और उनकी कंपनी अंतिम बोली दस्तावेज सामने आने के बाद उसके लिए बोली लगाने की संभावना पर विचार करेगी।

नयी दिल्ली। खनन क्षेत्र के दिग्गज कारोबारी अनिल अग्रवाल ने कहा है कि भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लि. (बीपीसीएल) का मूल्यांकन काफी ऊंचा है और उनकी कंपनी अंतिम बोली दस्तावेज सामने आने के बाद उसके लिए बोली लगाने की संभावना पर विचार करेगी। अग्रवाल ने बीपीसीएल के लिए बोली लगाने की इच्छा जताई थी। बीएसई में शुक्रवार को कारोबार बंद होने के समय बीपीसीएल का बाजार पूंजीकरण 92,464.40 करोड़ रुपये था। इस मूल्य पर कंपनी में सरकार की 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी 49,000 करोड़ रुपये की बैठेगी। इसे देश में निजीकरण की सबसे बड़ी प्रक्रिया कहा जा रहा है। 

इसे भी पढ़ें: RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने इन मुद्दों पर साधा मोदी सरकार पर निशाना

बीपीसीएल का अधिग्रहण करने वाली कंपनी को अल्पांश शेयरधारकों से 26 प्रतिशत और हिस्सेदारी के अधिग्रहण के लिए खुली पेशकश लानी है। इसके लिए उसे 24,000 करोड़ रुपये और खर्च करने पड़ेंगे। अग्रवाल ने पीटीआई भाषा से कहा, ‘‘हम निश्चित रूप से बोली लगाने के इच्छुक हैं, लेकिन मूल्यांकन काफी ऊंचा है। बोली दस्तावेज अभी नहीं आया है। इसके आने के बाद हम सावधानी से इसका आकलन करेंगे।’’ उन्होंने कहा कि सरकार ने पिछले साल नवंबर में कंपनी में हिस्सेदारी बेचने की घोषणा की थी। उसके बाद से कंपनी के शेयर का मूल्य 40 से 50 प्रतिशत बढ़ चुका है। 

इसे भी पढ़ें: वैश्विक शेयर बाजारों के लिए 2008 के आर्थिक संकट के बाद का सबसे बुरा सप्ताह

अग्रवाल ने कहा, ‘‘बीपीसीएल और हमारे कारोबार में तालमेल बैठ सकता है। हम देश में निजी क्षेत्र के सबसे बड़े कच्चा तेल उत्पादक हैं और बीपीसीएल के पास इनके प्रसंस्करण के लिए रिफाइनरियां हैं। इसके अलावा उसके पास इनसे उत्पादित ईंधन की बिक्री के लिए पेट्रोल पंप भी हैं।’’ सरकार की योजना बीपीसीएल में अपनी समूची 52.98 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की है। इससे खरीदार को सीधे देश की 14 प्रतिशत तेल रिफाइनिंग क्षमता मिल जाएगी। इसके अलावा उसे ईंधन बाजार में करीब 20 प्रतिशत बाजार हिस्सेदारी मिलेगी। भारत दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता ऊर्जा बाजार है। 

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़