अपीलीय न्यायाधिकरण ने Zee Entertainment के खिलाफ दीवाला कार्रवाई पर रोक लगाई

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जी एंटरटेनमेंट के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी पुनीत गोयनका की याचिका स्वीकार करते हुए एनसीएलएटी की दो सदस्यीय पीठ ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ के आदेश पर रोक लगा दी है।

राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) ने मीडिया कंपनी जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड (जील) को शुक्रवार को बड़ी राहत देते हुए उसके खिलाफ इस हफ्ते शुरू की गई दिवाला कार्रवाई पर रोक लगा दी। जी एंटरटेनमेंट के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी पुनीत गोयनका की याचिका स्वीकार करते हुए एनसीएलएटी की दो सदस्यीय पीठ ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) की मुंबई पीठ के आदेश पर रोक लगा दी है।

दरअसल, एनसीएलटी ने जी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज लिमिटेड के खिलाफ दिवाला कार्यवाही के लिए इंडसइंड बैंक की याचिका को बुधवार को स्वीकार कर लिया था। उसने संजीव कुमार जालान को इस मामले में समाधान पेशेवर नियुक्त किया था। एनसीएलएटी ने शुक्रवार को इंडसइंड बैंक और समाधान पेशेवर को नोटिस जारी करके उन्हें जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और अब निपटान के लिए मामले को 29 मार्च के लिए सूचीबद्ध कर लिया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए गोयनका ने एक बयान में कहा, ‘हम एनसीएलएटी के निर्णय का सम्मान करते हैं और सभी हितधारकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं। हमारा ध्यान प्रस्तावित विलय को समय पर पूरा करने पर रहेगा।’’

यह मामला जी समूह की कंपनी सिटी नेटवर्क्स द्वारा की गई 89 करोड़ रुपये की चूक से संबंधित है। यह राशि इंडसइंड बैंक को अदा की जानी थी। इसके लिए जील एक गारंटर था। निजी क्षेत्र के बैंक ने एनसीएलटी में सिटी नेटवर्क्स के खिलाफ एक अलग दिवाला याचिका भी दायर की है। एनसीएलटी ने मोहित मेहरा को इस मामले में समाधान पेशेवर नियुक्त किया है। एनसीएलटी ने याचिका को ऐसे समय में स्वीकार किया, जब जी एंटरटेनमेंट, सोनी के साथ विलय के अंतिम चरण में है।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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