नगरीकरण में नयी सोच, स्वस्थ तरीकों के समावेश की आवश्यकता: कांत
नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ने बुधवार को कहा कि देश में शहरीकरण की प्रक्रिया को नवोन्मेषक साथ स्वस्थ तरीके की बनाने की जरूरत है और हम पश्चिमी दुनिया की गलतियों से बच सकें।
नयी दिल्ली। नीति आयोग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) ने बुधवार को कहा कि देश में शहरीकरण की प्रक्रिया को नवोन्मेषक साथ स्वस्थ तरीके की बनाने की जरूरत है और हम पश्चिमी दुनिया की गलतियों से बच सकें। उन्होंने कहा, ‘‘पश्चिमी दुनिया ने शहरीकरण के सर्वाधिक प्रदूषित मॉडल सृजित किया है। स्वस्थ तरीके से विकास की धारणा दुनिया के पूर्वी हिस्से से आयी है।’’
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स्वस्थ्य नगरीकरण पर केंद्रित पुरस्कार ‘आईटीसी सस्टेनेबिलिटी अवार्ड्य 2018’ समारोह में आए प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कांत ने कहा कि पृथ्वी के केवल तीन प्रतिशत भाग पर शहर बसे हैं लेकिन ये शहर दुनिया के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 84 प्रतिशत योगदान करते हैं।
Amitabh Kant, NITI Aayog CEO on Shaktikanta Das being appointed RBI Governor: He is a very sensible & forward-looking officer. He has been in the revenue & finance dept & handled budgets of GoI. He’ll add immense value to RBI as far as its independence & autonomy is concerned. pic.twitter.com/gUk9seXeQV
— ANI (@ANI) December 12, 2018
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कांत ने कहा, ‘‘भारत में शहरीकरण की प्रक्रिया अभी शुरू हुई है। देश की शहरीकरण की प्रक्रिया नयी और स्वस्थ सोच वाली होनी चाहिए। हमें पश्चिमी देशों की वह गलती नहीं दोहरानी चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि हर मिनट 30 भारतीय ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों में जा रहे हैं। नीति आयोग के सीईओ ने यह भी रेखांकित किया कि दुनिया की नजर पर्यावरण अनुकूल और टिकाऊ उत्पादों पर है और ऐसे उत्पादों के लिये अधिक कीमत चुकाने पर भी नजर है। इसीलिए भारत अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में अगुवाई कर रहा है।
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