भारत में 89 प्रतिशत पारिवारिक कंपनियों के कारोबार में दो साल में विस्तार की संभावना: सर्वे
सर्वे में कहा गया है कि भारत में अगले दो साल में 89 प्रतिशत पारिवारिक कारोबारों के आगे बढ़ने की उम्मीद है। इनमें से 44 प्रतिशत आक्रामक तरीके से वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं जबकि 45 प्रतिशत को सतत वृद्धि की उम्मीद है। पीडब्ल्यूसी के भारतीय भागीदार और लीडर (उद्यमशीलता और निजी कारोबार) गणेश राजू ने कहा, ‘‘नियामकीय बदलावों की वजह से पारिवारिक कंपनियों के कामकाज में पेशेवर रुख बढ़ रहा है। बदलाव वाली प्रौद्योगिकी की वजह से ये बदलाव भी ला रहे हैं।’’
मुंबई। देश में पारिवारिक कंपनियां वृद्धि की राह पर हैं। एक सर्वे में कहा गया है कि अगले दो साल के दौरान उद्यमी परिवारों के नियंत्रण वाली 89 प्रतिशत कंपनीयों के कारोबार में विस्तार की उम्मीद है। पीडब्ल्यूसी के वैश्विक सर्वे ‘पारिवारिक कंपनी सर्वे-2019’ में 53 देशों के 2,953 पारिवारिक कारोबार से जुड़े लोगों के बीच किया गया। 30 अप्रैल से 10 अगस्त, 2018 के दौरान किए गए इस सर्वे में ऐसी 106 कंपनियों के प्रमुखों की राय को शामिल किया गया है।
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सर्वे में कहा गया है कि भारत में अगले दो साल में 89 प्रतिशत पारिवारिक कारोबारों के आगे बढ़ने की उम्मीद है। इनमें से 44 प्रतिशत आक्रामक तरीके से वृद्धि की उम्मीद कर रहे हैं जबकि 45 प्रतिशत को सतत वृद्धि की उम्मीद है। पीडब्ल्यूसी के भारतीय भागीदार और लीडर (उद्यमशीलता और निजी कारोबार) गणेश राजू ने कहा, ‘‘नियामकीय बदलावों की वजह से पारिवारिक कंपनियों के कामकाज में पेशेवर रुख बढ़ रहा है। बदलाव वाली प्रौद्योगिकी की वजह से ये बदलाव भी ला रहे हैं।’’
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सर्वे में कहा गया है कि 50 प्रतिशत से अधिक पारिवारिक कारोबार अंतरराष्ट्रीयकरण के पक्ष में हैं जबकि 40 प्रतिशत विविधीकरण चाहते हैं। देश में 50 प्रतिशत पारिवारिक कारोबार देश और विदेश दोनों जगह विलय और अधिग्रहण के लिए तैयार हैं। भारत में करीब 73 प्रतिशत पारिवारिक कारोबारों में अगली पीढ़ी काम कर रही है। वहीं 60 प्रतिशत की योजना प्रबंधन या स्वामित्व अगली पीढ़ी को सौंपने की है।
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