धर्मेंद्र की बेवफाई सह नहीं पायी थी मशहूर अदाकारा मीना कुमारी, समदा लगने के बाद रहने लगीं थी बीमार
बॉलीवुड की खूबसूरत और हसीन अदाकारा मीना कुमारी अपने फैंस के बीच काफी पसंद की जाती थी। उन्होंने इंडस्ट्री को कई बड़ी फिल्में दी हैं। मीना कुमारी ने अपने दशक के हर एक स्टार के साथ काम किया, जिनके साथ उनकी जोड़ी को खूब पसंद किया जाता था।
बॉलीवुड की खूबसूरत और हसीन अदाकारा मीना कुमारी अपने फैंस के बीच काफी पसंद की जाती थी। उन्होंने इंडस्ट्री को कई बड़ी फिल्में दी हैं। मीना कुमारी ने अपने दशक के हर एक स्टार के साथ काम किया, जिनके साथ उनकी जोड़ी को खूब पसंद किया जाता था। मीना कुमारी फिल्मी पर्दे पर जितनी खुश दिखाई देती थीं उतनी ही दुख भरी उनकी असल जिंदगी रही है। इसी के चलते लोग उन्हें ट्रेजडी क्वीन कहकर बुलाया करते थे। मीना कुमारी ने पाकीजा, बैजू बावरा, दिल अपना और प्रीत पराई जैसी कई शानदार और हिट फिल्मों में काम किया है। इसके अलावा उनकी निजी जिंदगी को लेकर भी वो हमेशा सुर्खियों में रहती थी। कम उम्र में मीना कुमारी ने अपने दौर के मशहूर डायरेक्टर कमाल अमरोही से शादी की थी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शादी के बाद ट्रेजडी क्वीन का नाम धर्मेंद्र और मशहूर राइटर गुलजार के साथ भी खूब चर्चा में रहा था।
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मीना कुमारी को कविताएं और शायरी लिखने का काफी शौक था। इतना कि उन्होंने कैफी आज़मी से शायरी के गुण भी सीखे थे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अपने इसी शौक के कारण मीना कुमारी गुलजार के नजदीक आईं। कहा जाता है कि, दोनों की दोस्ती फिल्म बेनजीर की शूटिंग के वक्त हुई थी। वहीं, मीना कुमारी और कमाल अमरोही की शादी भी कुछ वक्त बाद फीकी पड़ने लगी थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मीना कुमारी के पति कमाल अमरोही ने उनकी शायरी की कभी तारीफ नहीं की थी, लेकिन गुलजार हमेशा उनकी शायरी की खूब तारीफ किया करते थे।
मीना कुमारी और कमाल अमरोही ने गुपचुप रचाई थी शादी
मीना कुमारी ने अपनी एक्टिंग के दम पर एक ऐसा इतिहास रचा जिसे भुला पाना किसी के लिए भी मुमकिन नहीं हैं। मीना को असली पहचान साल 1952 में आई फिल्म 'बैजू बावरा' से मिली। मीना कुमारी की मुलाकात 1951 में कमाल अमरोही से हुई थी। उसी दौरान मीना कुमारी के कार का एक्सीडेंट हुआ था, तब कमाल साहब ने मीना कुमारी का बहुत ख्याल रखा था। जिसके कारण दोनों करीब आ गए। साल 1952 में मीना कुमारी और कमाल अमरोही ने गुपचुप तरीके से निकाल कर लिया लेकिन धीरे-धीरे मीना कुमारी और कमाल के बीच दूरियां बढ़ने लगीं और फिर 1964 में मीना कुमारी कमाल से अलग हो गईं।
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मीना के प्यार ने धर्मेंद्र को बनाया सुपरस्टार
इस अलगाव की वजह अभिनेता धर्मेद्र थे, जिन्होंने उसी समय अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी। उस समय मीना कुमारी के सितारे बुलंदियों पर थे, उनकी एक के बाद एक फिल्म हिट हो रही थी। मीना कुमारी बॉलीवुड के आसमां का वो सितारा थीं, जिसे छूने के लिए हर कोई बेताब था। मीना कुमारी के रूप में धर्मेद्र के करियर की डूबती नैया को किनारा मिल गया था और धीरे-धीरे धर्मेद्र के करियर ने भी रफ्तार पकड़ी। अपनी शोहरत के बल पर मीना कुमारी ने धर्मेद्र के करियर को ऊंचाइयों तक ले जाने की पूरी कोशिश की।
धर्मेंद्र ने की मीना कुमारी से बेवफाई
फिल्म ‘फूल और कांटे’ की सफलता के बाद, धर्मेद्र ने मीना कुमारी से दूरियां बनानी शुरू कर दीं और एक बार फिर से मीना कुमारी अपनी जिंदगी में तन्हा रह गईं। धर्मेद्र की बेवफाई को मीना झेल न सकीं और हद से ज्यादा शराब पीने लगीं।
बता दें मीना कुमारी लीवर सिरोसिस नाम की बीमारी से जूझ रही थीं। हालांकि, अपनी निजी जिंदगी के आखिरी दिनों में उन्होंने गुलजार की वजह से मेरे अपने फिल्म साइन की थी। बीमारी के कारण वे इस फिल्म की शूटिंग नहीं कर पा रही थी। मगर गुलजार के कहने पर मीना कुमारी ने किसी तरह फिल्म पूरी की। इसके अलावा अपने निधन से पहले मीना कुमारी ने अपनी लिखी सभी शायरी गुलजार को सौंप दी थी। वहीं गुलजार ने मीना कुमारी की शायरी को मीना कुमारी की शायरी नाम से पब्लिश किया था।
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