फिल्म बाला की कहानी डायरेक्टर अमर कौशिक से मिलने से पहले कुछ और ही थी
भट्ट ने कहा कि अमर के बतौर ‘क्रिएटिव प्रोड्यूसर’ फिल्म के साथ जुड़ने के बाद उन्होंने करीब 20 साल की उम्र में बाल उड़ने के अनुभव साझा करने शुरू किए।
मुम्बई। लेखक नीरेन भट्ट ने खुलासा किया है कि फिल्म ‘बाला’ की कहानी निर्देशक अमर कौशिक से मिलने से पहले कुछ और ही थी। राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करने वाली मराठी फिल्म ‘वेंटिलेटर’, और फिल्म ‘मेड इन चाइना’ के लेखक भट्ट ने साथ ही कहा कि वह फिल्म को मिल रही प्रतिक्रिया से काफी खुश हैं। उन्होंने कहा कि यह काफी अच्छा है। बधाइयों का तांता लगा है। यह काफी अच्छा अनुभव है।
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भट्ट ने कहा कि अमर के बतौर ‘क्रिएटिव प्रोड्यूसर’ फिल्म के साथ जुड़ने के बाद उन्होंने करीब 20 साल की उम्र में बाल उड़ने के अनुभव साझा करने शुरू किए। उन्होंने कहा कि यह उस झिझक, आत्मविश्वास की कमी के बारे में है जो आप बाल न होने के कारण महसूस करते हैं। मुझे पता था कि यही वह कहानी है। यह आम समस्या है। यह किसी शहर की नहीं, यह विश्वस्तरीय समस्या है।’’
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भट्ट ने कहा कि हमने सोचा था कि फिल्म केवल गंजेपन पर आधारित नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा यह खुद में विश्वास रखने और खुद से प्यार करने पर है। इसलिए इसमें दो प्रेम कहानियां हैं, कई बार आपको लगता है कि वह (आयुष्मान) यामी या भूमि के साथ जाएगा लेकिन अंतत: यह खुद से प्यार करने की कहानी है। उन्होंने कहा कि फिल्म ‘बाला’ की कहानी निर्देशक अमर कौशिक से मिलने से पहले कुछ और ही थी।
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