कोरोना में मदद के लिए सामने आये आयुष्मान खुराना और ताहिरा, राहत कोष में दिया दान
कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश के हालात को काफी भयानक बना दिया है। अस्पतालों में जो हालात है वह डरावने हैं लोग सांसों के लिए तरस रहे हैं। जिंदगी की संजीवनी मानी जाने वाली ऑक्सीजन की कमी से बड़े-बड़े अस्पताल बेहाल है।
कोरोना वायरस की दूसरी लहर ने देश के हालात को काफी भयानक बना दिया है। अस्पतालों में जो हालात है वह डरावने हैं लोग सांसों के लिए तरस रहे हैं। जिंदगी की संजीवनी मानी जाने वाली ऑक्सीजन की कमी से बड़े-बड़े अस्पताल बेहाल है। दिल्ली, महाराष्ट्रा, उत्तर प्रदेश ,कर्नाटक जैसे बड़े राज्यों में हालात बहुत नाजुक है। ऐसे में जमीनी स्टर पर लोग एक दूसरे की मदद के लिए सामने आ रहे हैं। ऑक्सीजन जैसी चीज को आम इंसान उपलब्ध नहीं करवा सकता लेकिन मदद के लिए खड़ा हो रहा है। सरकारें अस्पतालों में ऑक्सीजन की व्यवस्था करवा रहे हैं। कोरोना से लाचार सरकारों की मदद के लिए भी कई लोग सामने आये हैं जिसमें से कुछ बॉलीवुड सितारे भी हैं।
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आयुष्मान खुराना और उनकी पत्नी ताहिरा कश्यप ने कोविड -19 के खिलाफ लड़ाई में समर्थन देने के प्रयास में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान दिया है। भारत वर्तमान में कोरोनावायरस महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है। आयुष्मान ने इस बात पर जोर दिया कि हमें एक समुदाय के रूप में साथ आने और एक-दूसरे की देखभाल करने की आवश्यकता है।
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आयुष्मान खुराना ने इस 'मानवीय संकट' को संभालने के लिए एक-दूसरे के साथ खड़े होने के बारे में एक बयान साझा किया। इसमें लिखा, “हम पिछले साल से कोरोना तूफान का सामना कर रहा है। इस महामारी ने हमारे दिलों को तोड़ दिया है, इस दर्द ने हमे दिखाया है कि कैसे एक दूसरे के साथ एकजुटता हमें इस मानवीय संकट को संभालने में मदद कर सकती है। फिर से हमे महामारी में भाग्य, लचीलापन और आपसी समर्थन दिखाने के लिए कहती है।
उन्होंने आगे कहा कि लोगों को महामारी से लड़ने और एक दूसरे की मदद करने के लिए धन्यवाद दिया। ताहिरा ने लिखा, "पूरे भारत में लोग एक दूसरे और जितना संभव हो सके उतना आगे बढ़कर आगे आए हैं मैं प्रत्येक व्यक्ति को धन्यवाद देती हूं जिन्होंने हमें और अधिक करने के लिए प्रेरित किया है। हम लगातार कोशिश कर रहे हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोगों की मदद की जा सके और अब इस जरूरत के समय में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री राहत कोष में योगदान दिया है। यह वह समय है जब हमें एक समुदाय के रूप में एक साथ आना चाहिए और एक-दूसरे की देखभाल करनी चाहिए। लोगों को यथासंभव मदद की जरूरत है और हम सभी को अपना काम करने के लिए तैयार कर सकते हैं क्योंकि हम फिट हैं। ”