Lord Krishna: गांधारी के श्राप से उजड़ गई थी द्वारका नगरी, जानिए श्रीकृष्ण पत्नियों की कैसे हुई मृत्यु

Lord Krishna
Creative Commons licenses

भगवान श्रीकृष्ण के परलोक सिधारने के बाद उनकी पत्नियों का क्या हुआ और उनकी मृत्यु कैसे हुई। इस बारे में काफी कम लोगों को जानकारी है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि श्री कृष्ण के अपने धाम जाने के बाद उनकी पत्नियों का क्या हुआ।

भगवान श्रीकृष्ण से जुड़े कई रहस्यों के बारे में भगवतगीता, महाभारत और श्रीमद्भागवत में भी उल्लेख मिलता है। भगवान श्रीकृष्ण के साथ यदुवंश के भी कई ऐसे रोचक तथ्य हैं। जिनके बारे में कई पौराणिक कथाएं लोगों के बीच प्रचलित हैं। लेकिन एक सच्चाई आज भी अबूझ बनी हुई है। एक ऐसा ही रहस्य भगवान श्रीकृष्ण की पत्नियों से जुड़ा है।

बता दें कि राम अवतार में बालि का कर्ज उतारने के लिए श्रीकृष्ण ने द्वापर युग में भील के हाथों अपनी मृत्यु को स्वीकार किया था। लेकिन भगवान श्रीकृष्ण के परलोक सिधारने के बाद उनकी पत्नियों का क्या हुआ और उनकी मृत्यु कैसे हुई। इस बारे में काफी कम लोगों को जानकारी है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि श्री कृष्ण के अपने धाम जाने के बाद उनकी पत्नियों का क्या हुआ।

इसे भी पढ़ें: Ram Mandir History: 1528 से 2024 तक, जानिए राम मंदिर निर्माण का पूरा सफरनामा

श्रीकृष्ण की पत्नियां की मृत्यु

पौराणिक कथा के मुताबिक जब भगवान श्रीकृष्ण अपने बड़े भाई बलराम के साथ वैकुण्ठ लौट गए। तब श्रीकृष्ण के पिता वासुदेव ने पांडु पुत्र अर्जुन को द्वारका बुलाया। जब अर्जुन द्वारका पहुंचे तो वासुदेव ने उनसे सभी द्वारका वासियों को इंद्रप्रस्थ ले जाने के लिए कहा। द्वारिकावासियों में श्रीकृष्ण की पत्नियां भी शामिल थीं।

वासुदेव की आज्ञा का पालन करते हुए अर्जुन ने सभी द्वारकावासियों को इंद्रप्रस्थ ले जाने का प्रबंध किया। यात्रा की शुरूआत में ही धीरे-धीरेकर द्वारका वासियों की मृ्त्यु होती गई। हांलाकि यह सब गांधारी के श्राप के कारण हो रहा था, जिसे देखकर श्रीकृष्ण की पत्नियां काफी दुखी हो गईं।

यह सब देखकर श्रीकृष्ण पत्नियों ने अर्जुन से यात्रा रोकने का अनुरोध किया और आदेश देते हुए कहा कि वह बचे हुए द्वारका के लोगों को इंद्रप्रस्थ ले जाएं। लेकिन श्रीकृष्ण पत्नियों ने जंगल में रुकने का निश्चय किया। जब अर्जुन ने उनसे इसका कारण पूछा तो श्रीकृष्ण पत्नियों ने कहा कि यह समय तपस्या कर आराध्य श्रीकृष्ण की शरण में जाने का है।

हांलाकि इसके बाद अर्जुन ने उनको समझाने का बहुत प्रयास किया। लेकिन श्रीकृष्ण पत्नियों ने इंद्रप्रस्थ जाने से इंकार कर दिया। तब अर्जुन ने कृष्ण पत्नियों को जंगल में छोड़ दिया और अन्य द्वारका वासियों के साथ यात्रा को आगे बढ़ाया। इसके बाद श्रीकृष्ण की पत्नियां जंगल में तपस्या करने लगीं। मान्यता के मुताबिक जैसे-जैसे जिस-जिस श्रीकृष्ण पत्नी का अंत समय आया। वैसे-वैसे वह तपस्या के दौरान उनकी मृत्यु होती गई।

We're now on WhatsApp. Click to join.
All the updates here:

अन्य न्यूज़