Famous Shiva Temples: सावन में जरूर करें उज्जैन के इन शिव मंदिरों के दर्शन, प्राप्त होगी भोलेनाथ की कृपा

Famous Shiva Temples
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कई लोग सावन के सोमवार को भगवान शिव के ऐतिहासिक मंदिरों में दर्शन के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में अगर आप भी भगवान शिव के ऐतिहासिक मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं, जो चमत्कारिक हो तो आप उज्जैन आ सकते हैं।

हर साल सावन के महीने में शिव भक्त शिवालयों में जाकर भगवान शिव का विधि-विधान से पूजा-अर्चना और दर्शन करते हैं। माना जाता है कि सावन महीने में भगवान शिव का जलाभिषेक करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं। इसलिए कई लोग सावन के सोमवार को भगवान शिव के ऐतिहासिक मंदिरों में दर्शन के लिए पहुंचते हैं। ऐसे में अगर आप भी भगवान शिव के ऐतिहासिक मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं, जो चमत्कारिक हो तो आप उज्जैन आ सकते हैं। 

उज्जैन को बाबा महाकाल की नगरी भी कहा जाता है। यहां पर आपको भगवान शिव को समर्पित तमाम मंदिर मिलेंगे। इन मंदिरों में दूर-दूर से भक्त दर्शन के लिए पहुंचते हैं। तो ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको उज्जैन के दो ऐसे मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां पर आपको सावन महीने में दर्शन के लिए जरूर जाना चाहिए।

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महाकालेश्वर मंदिर

उज्जैन के फेमस मंदिरों की बात की जाए, तो सबसे पहले महाकालेश्वर मंदिर का नाम आता है। उज्जैन आने वाले श्रद्धालु इस मंदिर में दर्शन के लिए जरूर आते हैं। बाबा महाकाल का यह मंदिर उज्जैन के सबसे पवित्र हिंदू मंदिरों में से एक है। यहां पर हर रोज बड़ी संख्या में भक्त आते हैं। महाकालेश्वर मंदिर एक विशाल रूद्रसागर झील से घिरा है। रोजाना बाबा महाकाल का श्रृंगार किया जाता है। सावन के महीने में यहां पर भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है।

भस्म आरती का समय- सुबह 04:00 बजे से 07:00 बजे तक

दर्शन- सुबह 10:30 बजे से दोपहर 01:00 बजे तक

शाम - 06:00 बजे से 07:00 बजे तक

रात्रि पूजन समय- 08:00 बजे से रात 10:00 बजे तक

काल भैरव मंदिर

बता दें कि काल भैरव को भगवान शिव को क्रोधित स्वरूप माना जाता है। सावन के महीने में यहां पर भक्तों की भारी भीड़ होती है। मान्यता के अनुसार, जो भी भक्त सावन के महीने में भगवान काल भैरव के सच्चे मन से दर्शन करता है, उसके सारे पाप धुल जाते हैं और जातक की हर मनोकामना पूरी होती है। इस मंदिर का इतिहास करीब 6 हजार साल पुराना बताया जाता है। इस काल भैरव मंदिर में प्रतिमा को मदिरा चढ़ाई जाती है और इस मंदिर को बेहद चमत्कारी माना जाता है। बताया जाता है कि भगवान को जिस बर्तन से मदिरा चढ़ाई जाती है, वह गायब हो जाता है। हालांकि यह कैसे होता है इसके बारे में जानकारी किसी को नहीं है।

समय- मंदिर सुबह 06:00 बजे से रात 09:00 बजे तक खुला रहता है।

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