Chamunda Nandikeshwar Dham: चामुंडा नंदिकेश्वर धाम की महिमा जान हो जाएंगे हैरान, दर्शन मात्र से पूरी होती हैं इच्छाएं

Chamunda Nandikeshwar Dham
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देवों की भूमि हिमाचल प्रदेश में चामुण्डा नंदिकेश्वर धाम स्थित है। इस मंदिर की अपनी मान्यता है। कहा जाता है कि मां चामुण्डा दर्शन मात्र से अपने भक्तों की सभी इच्छाओं को पूरा करती हैं।

नवरात्रि में हम सभी मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना करते हैं। नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। वहीं कुछ लोग अपने घरों में मां दुर्गा की पूजा आदि कर मंदिर में दर्शन के लिए पहुंचते हैं। वैसे तो भारत में कई प्राचीन और चमत्कारिक मंदिर हैं। इन मंदिरों का अपना महत्व है। वहीं नवरात्रि के मौके पर इन मंदिरों में भारी संख्या में भक्त दर्शन करने के अलावा अपनी मनोकामना लेकर पहुंचते हैं। मान्यता है कि कई पवित्र मंदिरों में दर्शन मात्र से ही मां दुर्गा भक्तों की मनोकामनाओं को पूरा करती हैं। 

ऐसे में अगर आप भी इस नवरात्री मां दुर्गा के मंदिर में जाने का प्लान बना रहे हैं। तो आपको चामुंडा नंदिकेश्वर धाम के दर्शन करने चाहिए। बता दें कि चामुण्डा नंदिकेश्वर धाम हिमाचल प्रदेश में स्थित है। देवों की भूमि हिमाचल प्रदेश में 200 से भी अधिक मंदिर हैं। यहां के मंदिर पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं। ऐसे में अगर आप भी हिमाचल प्रदेश में स्थित चामुण्डा देवी मंदिर दर्शन के लिए जा रहे हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए है। यहां हम आपको मंदिर के बारे में कुछ जरूरी जानकारी देने जा रहे हैं।

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चामुंडा नंदिकेश्वर धाम

चामुंडा नंदिकेश्वर मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में स्थित है। बता दें कि यह मंदिर 52 शक्तिपीठों में से एक है। मान्यता के अनुसार, मंदिर में आने वाले भक्तों की सभी मनोकामना पूरी होती है। मंदिर में चामुण्डा देवी के साथ भगवान शिव भी विराजमान हैं। इसीलिए इस मंदिर को चामुण्डा नंदिकेश्वर धाम के नाम से जाना जाता है।

जानिए क्या है कथा

बताया जाता है कि इसी स्थान पर चंड-मुंड राक्षस मां दुर्गा से युद्ध के लिए आए थे। चंड-मुंड से युद्ध के दौरान मां दुर्गा ने देवी काली का रूप धारण कर राक्षसों का वध कर दिया था। लेकिन इसके बाद भी उनका क्रोध शांत नहीं हुआ। जिसके बाद देवताओं ने भगवान भोलेनाथ का आह्वान किया। इसके बाद भगवान शिव मां चामुण्डा को शांत करने के लिए मां काली के सामने बालरूप में आ गए। लेकिम देवी काली ने उनपर क्रोधवश विशाल पत्थर बरसाए थे। कहा जाता है कि यह पत्थर आज भी वहां पर मौजूद हैं। वहीं जब देवी काली को पता चला कि भगवान शिव बालरूप में उनके सामने हैं, तो उन्होंने शिव-शंकर से क्षमा मांग ली। तभी से इस स्थान पर मां चामुण्डा के साथ भगवान शिव भी विराजमान हैं। 

बहुत सुंदर बना है मंदिर

मां चामुण्डा देवी का मंदिर काफी बड़ा होने के साथ ही बहुत सुंदर भी है। मंदिर के पहले तल पर मां चामुण्डा की भव्य प्रतिमा है और मुख्य मंदिर के पीछे एक गुफा है। इस गुफा में भगवान भोलेनाथ का मंदिर बना है। बता दें कि इस मंदिर में एक बार में एक ही भक्त अंदर प्रवेश ले सकता है। वहीं मंदिर के प्रांगण में अन्य कई देवी-देवताओं के मंदिर बने हुए हैं। 

ऐसे पहुंचे चामुण्डा देवी मंदिर

बता दें कि मंदिर परिसर में एक सुंदर सरोवर भी बनी हुई है। यहां पर गंगा का स्वच्छ जल आता है। हालांकि इस सरोवर में स्नान आदि करने की मनाही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि सरोवर के जल से पूजा-पाठ किया जाता है। अगर आप भी चामुण्डा देवी के मंदिर दर्शन के लिए जाना चाहते हैं तो दिल्ली से कांगड़ा के लिए नियमित बस चलती हैं। वहीं आप ट्रेन के जरिए भी हिमाचल प्रदेश पहुंच सकते हैं। इसके बाद आप टैक्सी आदि से कांगड़ा या चामुण्डा देवी मंदिर पहुंच सकते हैं।

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