By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Sep 26, 2019
लखनऊ। कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर पूर्व केन्द्रीय गृह राज्यमंत्री स्वामी चिन्मयानंद मामले में दोहरी राजनीति करने का आरोप लगाया। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा कि बलात्कार के आरोपों में घिरे चिन्मयानंद के मामले में प्रदेश सरकार दोहरी राजनीति कर रही है। उन पर इल्जाम लगाने वाली लड़की पर जब रंगदारी मांगने का मामला बना तो उसे गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया लेकिन जब पूर्व गृह राज्यमंत्री पर बलात्कार का आरोप लगा तो उन पर धारा 376 के बजाय 376 सी जैसी हल्की धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
सुप्रिया ने कहा कि धारा 376 और 376 सी में जमीन-आसमान का अंतर है। उन्होंने कहा कि चिन्मयानन्द आज एसजीपीजीआई लखनऊ में इलाज कराने के नाम पर वातानुकूलित कमरे में आराम कर रहे हैं और पीड़िता को तथाकथित मौखिक बयान के आधार पर वसूली के आरोप में जेल में निरूद्ध कर दिया गया है। यानी आरोपी बाहर और पीड़िता जेल में।उन्होंने कहा कि बलात्कार पीड़िता द्वारा न्याय की गुहार लगाये जाने और 40 से अधिक वीडियो एसआईटी को सौंपने के बाद भी चिन्मयानंद के खिलाफ बलात्कार की धाराओं में मुकदमा नहीं दर्ज किया गया। अब प्रश्न यह है कि जब तक चिन्मयानन्द पर बलात्कार का आरोप नहीं लगा तब तक छात्रा के खिलाफ रंगदारी वसूली का मामला क्यों नहीं उठाया गया? कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि चिन्मयानंद के खिलाफ 2011 में एक अन्य लड़की से बलात्कार का मामला दर्ज था। योगी सरकार ने वह मुकदमा वापस लेने की कोशिश थी, लेकिन अदालत ने मना कर दिया था।
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सुप्रिया ने यह भी दावा किया कि अपनी शिष्या से बलात्कार के आरोप में जेल में बंद स्वयंभू बाबा आसाराम से चिन्मयानंद के पुराने सम्बन्ध हैं। जब आसाराम नाबालिग लड़की के मामले में फंस रहे थे, तब लड़की को बालिग साबित करने के लिये चिन्मयानंद की विद्यापीठ से उसके दो फर्जी सर्टिफिकेट बनवाये गये थे। उन्होंने कहा कि 25 सितम्बर को भाजपा ने घोषणा की कि सदस्यता का नवीनीकरण नहीं कराने के कारण चिन्मयानन्द की पार्टी सदस्यता समाप्त हो गयी है। आखिर भाजपा ने यह कहने में इतना अधिक समय क्यों लगाया?सुप्रिया ने आरोप लगाया कि उत्तरप्रदेश में बलात्कार और महिलाओं के प्रति अन्य अपराधों में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है।