By अंकित सिंह | Dec 16, 2021
उत्तर प्रदेश विधानसभा का शीतकालीन सत्र चल रहा है। इस दौरान आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी दलों पर जबरदस्त तरीके से हमला किया। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पिछली सरकारों ने अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए सत्ता का अपराधीकरण नहीं किया होता, राजनीति का माफियाकरण नहीं किया होता, सत्ता को वंशवाद और परिवारवाद के सामने गिरवी नहीं रखा होता तो ये ही उत्तर प्रदेश नंबर एक ही अर्थव्यवस्था बनने का हकदार था।
योगी ने कहा कि हमारी सरकार पांचवें वर्ष के उत्तरार्ध में कार्य कर रही है। स्वाभाविक रूप इन पौने पांच वर्षों में प्रदेश की विकास यात्रा क्या रही, कैसे आगे बढ़ी, इस पर सदन व यहां मौजूद सदस्यों को भी चिंतन करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि सदन की लगभग 05 वर्षों में चली कार्यवाही अत्यंत महत्वपूर्ण रही है। देश में संसदीय लोकतंत्र की दृष्टि से कई मानक प्रस्तुत हुए। विशेष तौर पर प्रदेश का ऐसा पहला विधान मंडल था, जिसमें UN द्वारा निर्धारित सस्टेनेबल डेवेलपमेंट गोल्स पर एक लंबी चर्चा हुई। योगी ने कहा कि चुनौती ही व्यक्ति की सही परीक्षा लेती है। कोरोना कालखंड में दुनिया की बड़ी-बड़ी ताकतें पस्त होकर नतमस्तक हुईं। लेकिन देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना के खिलाफ लड़ाई को जिस मजबूती के साथ आगे बढ़ाया गया, वह अभिनंदनीय है।
इसके बाद योगी ने कहा कि देश में 135 करोड़ लोगों को मुफ्त वैक्सीन उपलब्ध करवाने का कार्य हो, 80 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री अन्न योजना के तहत मुफ्त राशन की व्यवस्था हो या मुफ्त टेस्ट व मुफ्त उपचार की व्यवस्था हो...यह सभी कार्य प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में आगे बढ़ाए गए। कोरोना के खिलाफ लड़ाई में उत्तर प्रदेश अग्रणी भूमिका निभाते हुए देश के साथ कदम से कदम मिलाकर चलता रहा। उत्तर प्रदेश ने देश में सर्वाधिक टेस्ट किए। प्रदेश में कोरोना का जब पहला मरीज मिला था, तब हमारे पास टेस्टिंग के लिए कोई लैब नहीं थी, आज मैं कह सकता हूं कि प्रदेश के सभी 75 जनपदों में RT-PCR लैब, ट्रूनेट मशीन व एंटीजन टेस्ट की व्यवस्था है।
योगी ने कहा कि 15 करोड़ प्रदेश के नागरिकों को डबल इंजन सरकार की मदद से डबल डोज राशन की खुराक भी दे रही है। इसे ही कहते हैं 'सबका साथ व सबका विकास। योग्य राजा परिस्थिति के अनुसार नहीं चलता, बल्कि परिस्थितियों को अपने अनुरूप मोड़ता है। भारत ने उन परिस्थितियों को अपने अनुरूप मोड़ा है। हम कोरोना के पीछे नहीं भागे, बल्कि कोरोना को भागने के लिए मजबूर किया। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए 8479.53 करोड़ रुपये का दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया। राज्य सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के चार महीनों के लिए 1,68,903.23 करोड़ रुपये का लेखानुदान भी विधानसभा में प्रस्तुत किया।