By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 22, 2019
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाये जाने के बाद कश्मीर की स्थिति और पिछले तीन महीने से बंद के कारण लोगों को हुए आर्थिक नुकसान के आकलन के लिये पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा के नेतृत्व में एक सिविल सोसाइटी प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को यहां पहुंचा।
सिन्हा के अलावा ‘कन्सर्न्ड सिटिजेंस ग्रुप’ के अन्य सदस्यों में पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त वजाहत हबीबुल्ला, पूर्व एयर वाइस मार्शल कपिल काक, पत्रकार भारत भूषण और सुशोभा बर्वे शामिल हैं। समूह ने इससे पहले भी कश्मीर यात्रा का प्रयास किया था लेकिन अधिकारियों ने उन्हें इसकी अनुमति नहीं दी और उन्हें यहां के हवाईअड्डे से लौटा दिया था। यात्रा के मकसद के बारे में पूछे जाने पर सिन्हा ने कहा कि वे कश्मीर का विशेष दर्जा हटाये जाने के बाद के जमीनी हालात का आकलन करना चाहते हैं। पूर्व वित्त मंत्री ने कहा, ‘‘कश्मीर के बारे में बहुत अलग-अलग खबरें आती हैं, एक खबर सरकार देती है तो दूसरी खबर विदेशी मीडिया से आती है। हमारा लक्ष्य खुद यह देखना था कि यहां की स्थिति कैसी है। मैं प्रशासन का शुक्रिया अदा करना चाहूंगा कि पिछली बार की बजाय इस बार हमें इसकी इजाजत दी गयी।’’
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उन्होंने कहा कि समूह अलग-अलग वर्गों के लोगों की समस्याएं जानने के लिये उनसे मुलाकात करेगा और इसके कारण उन्हें होने वाले नुकसान की प्रकृति का आकलन करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘हमने देखा कि सभी दुकानें बंद हैं जो सामान्य नहीं है। हम लोग जमीनी स्थिति का आकलन करना और लोगों से बात करना चाहते हैं। पांच अगस्त को सरकार ने जो फैसला लिया, उसके बाद से लोगों को हुए नुकसान का आकलन करना चाहते हैं।’’ उन्होंने कहा कि समूह कश्मीर के लोगों को यह संदेश देना चाहता है कि देश में ऐसे लोग हैं जो उनकी परवाह करते हैं। सिन्हा से यह पूछा गया कि क्या उनके समूह की मुख्यधारा के नेताओं से मिलने की योजना है, इस पर उन्होंने कहा, ‘‘अगर हमें मुख्यधारा के नेताओं से मिलने की अनुमति मिली तो हम लोग उनसे भी मुलाकात करने की कोशिश करेंगे।’’ समूह ने बाद में घाटी में शीर्ष कारोबारी संस्था कश्मीर चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (केसीसीआई) के सदस्यों से बातचीत की।