महिला स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने और महिला उद्यमियों को प्रोत्साहित करने के लिए 'herSTART' (हर-स्टार्ट) नामक प्लेटफॉर्म बनाया गया है, जिसका उद्घाटन राष्ट्रपति द्वारा किया गया है। केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी; राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पृथ्वी विज्ञान; राज्य मंत्री प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष, डॉ जितेंद्र सिंह द्वारा यह जानकारी प्रदान की गई है।
पीएचडी चैंबर ऑफ कॉमर्स ऐंड इंडस्ट्री द्वारा आयोजित भारत स्टार्टअप शिखर सम्मेलन और एक्सपो-2023 को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सरकार महिलाओं के नेतृत्व वाले स्टार्टअप्स के लिए एक वर्ष तक 20,000 रुपये का मासिक भत्ता का प्रस्ताव पेश किया है। डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत ने दुनिया को 100 से अधिक यूनिकॉर्न दिए है, भारतीय स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र ने दुनिया का ध्यान आकर्षित किया है, और इस प्रकार यह सबसे प्रतिष्ठित वैश्विक बाजारों में से एक बन गया है।
डॉ सिंह ने बताया कि भारत जिस तरह के नीतिगत सुधारों नेतृत्व कर रहा है, उससे भविष्य के रुझान स्टार्टअप्स के लिए ब्लॉकचेन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों के साथ बदलाव और नवाचार करने के अवसर प्रस्तुत कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस दिशा में स्टार्टअप बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि महिलाओं के नेतृत्व वाले उद्यम देश में रोजगार के अवसर पैदा करके जनसांख्यिकीय बदलाव लाकर और महिला संस्थापकों की अगली पीढ़ी को प्रेरित करके समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत में कम से कम 36 यूनिकॉर्न और संभावित यूनिकॉर्न में कम से कम एक महिला संस्थापक या सह-संस्थापक है। भारत सरकार महिला उद्यमिता के लिए सक्षम पारिस्थितिकी तंत्र बनाने और स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में विविध हितधारकों के बीच सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहन देने के लिए प्रतिबद्ध है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, भारत तेजी से नवोन्मेषकों के प्रमुख केंद्र के रूप में उभर रहा है। यह एक ज्ञान-आधारित आर्थिक विकास मॉडल की ओर बढ़ रहा है। महामारी के दौरान स्टार्टअप्स की भूमिका पर डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि जब दुनिया कोविड-19 के प्रकोप के दौरान संघर्ष कर रही थी, तब भारतीय स्टार्टअप्स ने बदली हुई परिस्थितियों के साथ तालमेल बिठाने के लिए खुद को तैयार किया और उल्लेखनीय नवाचार और विकास करके दिखाया। उन्होंने कहा, "भारत ऐसी तेज गति से आगे बढ़ रहा है, और डिजिटल व्यवसायों और स्टार्टअप्स के मामले में वैश्विक स्तर पर शीर्ष देशों में शामिल होने की आकांक्षा रखता है।"
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार की स्टार्टअप इंडिया योजना देश में उद्यमिता पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना का उद्देश्य भारत में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन दोनों के लिए एक इंजन के रूप में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है।
उल्लेखनीय है कि आज भारत उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) से मान्यता प्राप्त 93,000 से अधिक स्टार्टअप्स और 108 यूनिकॉर्न का घर है। पिछले चार वर्षों में, हर साल अतिरिक्त यूनिकॉर्न्स की संख्या में 66% की सालाना वृद्धि के साथ यह संख्या तेजी से बढ़ी है। महामारी के दौरान घर से काम करने से जहाँ भारत में डिजिटल व्यवसायों के विकास को बढ़ावा मिला, वहीं इसके परिणामस्वरूप स्टार्टअप्स में भी उछाल आया।
(इंडिया साइंस वायर)