INDIA गठबंधन को बीच मझधार में क्यों छोड़ गए नीतीश कुमार? असली वजह अब आई सामने

By अंकित सिंह | Jan 29, 2024

बिहार में बीजेपी और नीतीश कुमार कैबिनेट बर्थ साझा करने के लिए 2020 के फॉर्मूले पर कायम रहेंगे। बिहार के मुख्यमंत्री ने पिछले हफ्ते - एक दशक में पांचवीं बार - पाला बदल लिया और भाजपा के साथ साझेदारी में एक नई सरकार बनाई, जिसे उन्होंने 2022 में छोड़ दिया था। उन्होंने रविवार को भाजपा के दो विधायकों के साथ शपथ ली। सूत्रों ने बताया कि अगले कुछ दिनों में मंत्रिपरिषद का विस्तार किया जाएगा और उसके बाद विभागों का बंटवारा किया जाएगा। महत्वपूर्ण गृह विभाग कुमार के पास रहेगा। सूत्रों ने संकेत दिया कि आने वाले दिनों में दोनों पक्ष लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे पर भी चर्चा करेंगे, लेकिन बिहार की 40 संसदीय सीटों के लिए पहले के 17-17 फॉर्मूले में बदलाव करना होगा।

 

इसे भी पढ़ें: नीतीश कुमार के U-टर्न पर केजरीवाल का आया पहला बयान, बोले- यह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं


ऐसा इसलिए क्योंकि नए सहयोगियों के लिए भी सीटें आवंटित करनी होंगी, जिनमें जीतन राम मांझी की हम भी शामिल है। सूत्रों ने कहा, नीतीश 13 जनवरी को विपक्ष छोड़ने का मन बना लिया था, जिस दिन वे एक वीडियो बैठक कर रहे थे। राहुल गांधी से नाराज होकर वह 10 मिनट पहले ही बैठक छोड़कर चले गए थे। सूत्रों ने कहा कि जिस बात ने उन्हें अंतिम कदम तक पहुंचाया वह राहुल गांधी की प्रतिक्रिया थी कि वह इंडिया ब्लॉक के समन्वयक के पद पर ममता बनर्जी से परामर्श करेंगे। इसके कुछ देर बाद ही नेताओं ने उन्हें संयोजक चुन लिया। लेकिन सूत्रों ने कहा कि नाराज कुमार ने यह पद अस्वीकार कर दिया और कहा कि इसे लालू यादव को दिया जा सकता है।


अध्यक्ष पद के लिए, सुझाव कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे का था, जिनका नाम विपक्ष के प्रधान मंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में बनर्जी और अरविंद केजरीवाल ने भी पिछली बैठक में प्रस्तावित किया था। जनता दल (यूनाइटेड) ने बिहार में विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के टूटने के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि इसके नेता अपनी पार्टी को मजबूत करने में लगे थे, विपक्षी गठबंधन को नहीं। जद (यू) के प्रवक्ता के. सी. त्यागी ने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस के भीतर का एक ‘‘गुट’’ ‘इंडिया’ गठबंधन का नेतृत्व हथियाना चाहता था और साजिश के तहतनेता मल्लिकार्जुन खरगे का नाम गठबंधन के अध्यक्ष के तौर पर प्रस्तावित किया गया।


त्यागी ने कहा कि इंडिया पार्टियों के बीच समन्वय स्थापित नहीं हो सका। बाहर से सब कुछ सामान्य लग रहा था लेकिन कांग्रेस गठबंधन दलों के साथ राजनीति कर रही थी। जब हम गठबंधन को मजबूत करने के लिए काम कर रहे थे, तो कांग्रेस महत्वपूर्ण पद हथियाने में व्यस्त थी। वे सपा, द्रमुक, टीएमसी और अन्य क्षेत्रीय दलों को कमजोर करने की कोशिश कर रहे थे। एक बार राहुल गांधी ने कहा था कि क्षेत्रीय पार्टियों की कोई विचारधारा नहीं होती। इस कारण हमने गठबंधन से नाता तोड़ लिया। 

 

इसे भी पढ़ें: Chai Par Sameeksha: INDIA गठबंधन के पतन के लिए क्या Nitish Kumar से ज्यादा बड़ी दोषी Congress है


उन्होंने कहा कि इससे पहले मुंबई में हुई बैठक में सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि बिना किसी पीएम चेहरा, इंडिया गठबंधन चलेगा...एक साजिश के तहत ममता बनर्जी से खड़गे का नाम पीएम चेहरे के तौर पर प्रस्तावित करवाया गया। बाकी सभी पार्टियों ने कांग्रेस के खिलाफ लड़कर अपनी अलग पहचान बनाई है। कांग्रेस सीट बंटवारे को लेकर खींचतान करती रही, हम कहते रहे कि सीटों का बंटवारा तुरंत होना चाहिए। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि इंडिया गठबंधन के पास बीजेपी के खिलाफ लड़ने की योजना का अभाव है। 

प्रमुख खबरें

PM Modi Kuwait Visit| कुवैत में पीएम मोदी ने की 101 वर्षीय पूर्व IFS अधिकारी से मुलाकात, प्रवासी भारतीयों ने गर्मजोशी से किया स्वागत

दिल्ली की वायु गुणवत्ता में मामूली सुधार, अधिकतम तापमान 23.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज

Delhi air pollution: AQI फिर से ‘गंभीर’ स्तर पर, राष्ट्रीय राजधानी में शीतलहर का कहर जारी

केरल : आंगनवाड़ी के करीब 10 बच्चे भोजन विषाक्तता की वजह से बीमार