Chhattisgarh Elections: नक्सलवाद का दंश झेल रहे दंतेवाड़ा सीट पर किस पार्टी को मिलेगी जीत, ऐसे समझिए पूरा समीकरण

By अनन्या मिश्रा | Oct 25, 2023

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा स्थित 52 आदिशक्ति पीठ में एक दंतेश्वरी मां का भव्य मंदिर स्थित है। इसी विधानसभा में एनएमडीसी के लौह अयस्क का खदान मौजूद है। बता दें कि दंतेवाड़ा के विकास में सीएसआर मद का भी बहुत बड़ा योगदान है। इसी वजह से इस सीट पर जीत दर्ज करने के लिए कांग्रेस और बीजेपी के उम्मीदवार एड़ी-चोटी का जोर लगाते हैं। हांलाकि अपनी तमाम विशेषताओं के बाद भी दंतेवाड़ा विधानसभा वर्तमान में भी नक्सल समस्या से जूझ रहा है। विकास के बाद भी इस क्षेत्र में नक्सलवाद की जड़ें मजबूत हैं। वर्तमान समय में आदिवासियों के लिए यह सीट आरक्षित है। 


बीजेपी-कांग्रेस में कड़ी टक्कर

विधानसभा चुनावों में बीजेपी और कांग्रेस के प्रत्याशी के बीच इस सीट से कांटे की टक्कर होती है। नक्सलियों ने बीजेपी विधायक भीमा मंडावी की गाड़ी को दंतेवाड़ा में आईईडी ब्लास्ट कर उड़ा दिया था। उस हमले में बीजेपी विधायक की मौत हो गई थी। वर्तमान समय में कांग्रेस से देवती कर्मा इस सीट से विधायक हैं। बस्तर टाइगर के नाम से मशहूर कांग्रेस नेता महेंद्र कर्मा की पत्नी देवती वर्मा हैं। 

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राजनीतिक समीकरण

यह विधानसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है। पिछले 4 विधानसभा चुनावों में इस सीट पर कांग्रेस ने अपना कब्जा जमाए रखा। वहीं बीजेपी को एक बार इस सीट पर जीत मिली। वर्तमान समय में इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा है। बस्तर टाइगर के नाम से मशहूर महेंद्र कर्मा ने साल 2003 के विधानसभा चुनाव में यहां से जीत हासिल की थी। वहीं बीजेपी के प्रत्याशी भीमा मंडावी ने 2008 विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी।


साल 2013 में इस सीट से कांग्रेस ने नक्सली हमले में शहीद हुए महेंद्र कर्मा की पत्नी देवती कर्मा को प्रत्याशी बनाया था। उस दौरान बीजेपी की भीमा मंडावी को देवती वर्मा के सामने हार का मुंह देखना पड़ा था। लेकिन साल 2018 के चुनाव में एक बार फिर भीमा मंडावी ने इस सीट पर अपना कब्जा जमाया था। लेकिन जीत के एक साल बाद यानी की साल 2019 में नक्सली हमले में भीमा मंडावी की मौत हो गई और इस सीट पर हुए उप चुनावों में देवती वर्मा को जीत हासिल हुई।


स्थानीय मुद्दे

दंतेवाड़ा विधानसभा क्षेत्र में बेरोजगारी और नक्सलवाद मुख्य समस्या है। इस क्षेत्र में एनएमडीसी के अलावा कोई बड़ा उद्योग भी नहीं है। यहां के स्थानीय आदिवासी वनोपज और मानसून आधारित कृषि पर आश्रित रहते हैं। इस क्षेत्र के युवाओं के पास लंबे समय से बेरोजगारी की समस्या बनी हुई है। कई गावों में सड़क और पानी की किल्लत है। स्थानीय लोगों की मानें तो दंतावाड़ा विधानसभा क्षेत्र में लंबे समय से कोई विकास कार्य नहीं हुआ है और ना ही कांग्रेस विधायक देवती वर्मा क्षेत्र का दौरा करती हैं।


मतदाओं का आंकड़ा

दंतेवाड़ा विधानसभा में कुल मतदान केंद्र- 273

दंतेवाड़ा विधानसभा में कुल मतदाता- 1 लाख 87 हजार 641 है।

महिला मतदाता- 98 हजार 50

पुरुष मतदाता-  89 हजार 591


2003 विधानसभा चुनाव से यह सीट आदिवसियों के लिए आरक्षित है।

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