आखिरी बार अप्रैल 2023 में बजरंग पूनिया ने जीता था पदक, नौकरी छोड़ राजनीति में की एंट्री, देखें पहलवान की Networth

By Kusum | Sep 07, 2024

पहलवाल बजरंग पूनिया ने हाल ही में राजनीति में कदम रखा है। उन्होंने कांग्रेस पार्टी को ज्वाइन किया है। उन्होंने इसके लिए रेलवे की नौकरी तक छोड़ दी है। बजरंग रेलवे में ओएसडी पद पर तैनात थे लेकिन कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने से पहले उन्होंने इस नौकरी से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है, वह विनेश फोगाट (जो जुलाना से चुनाव लड़ेंगी) को समर्थन देंगे। बजरंग पूनिया पेरिस ओलंपिक में हिस्सा नहीं ले पाए थे। पिछले एक साल से बजरंग ने कोई मेडल भी नहीं जीता है। बजरंग ने आखिरी बार अप्रैल 2023 में मेडल जीता था। लेकिन इसके बाद भी उनकी कमाई में लगातार बढ़ोत्तरी हो रही है। 


 बजरंग पूनिया की मीडिया रिपोर्ट की मानें तो नेटवर्थ लगभग 15 करोड़ है। वह सबसे ज्यादा कमाई रेसलिंग और विज्ञापन से करते हैं। उन्हें सरकार की ओर से भी पैसा मिलता है। अपनी वेट कैटेगरी में दुनिया के नंबर वन पहलवान रह चुके बजरंग पूनिया 2018 में भारतीय कुश्ती महासंघ के कांट्रेक्ट में ए ग्रेड में शामिल थे। तब इस ग्रेड में शामिल पहलवानों को 30 सालाना मिलता था। 

बजरंग रेलवे में ओएसडी पद पर तैनात थे। रेलवे की ओर से उन्हें मंथली एक लाख मिलते थे। बजरंग ने इसके अलावा प्रो रेसलिंग लीग से भी लाखों कमाए हैं। आज से 8 साल पहले उन्हें प्रो रेसलिंग लीग में दिल्ली ने 38 लाख में अपने साथ जोड़ा था। प्रेस रेसलिंग लीग में बजरंग चार सीजन तक खेले। 

टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने के बाद बजरंग की ब्रैंड वैल्यू में जबरदस्त उछाल आया। वह कई बड़ी कंपनियों मोबिल, एसिक्स और टीटी अंडरवेयर जैसे ब्रॉड्स  के विज्ञापन में नजर आ चुके हैं। 

बजरंग रेनॉल्ट काइगर, टोयोटा फॉर्च्यूनर और ऑडी 7 जैसी लग्जरी कारों के मालिक हैं। उन्होंने पंजाब और हरियाणा में प्रॉपर्टी में निवेश किया है।  

प्रमुख खबरें

Women Health Care: कितने महीनों तक बच्चे के लिए ब्रेस्टफीडिंग है जरूरी, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट

Kejriwal के इस्तीफे से पहले LG करेंगे बड़ा गेम! दिल्ली में लगेगा राष्ट्रपति शासन?

Delhi का अगला सीएम कौन? वरिष्ठ नेताओं के साथ केजरीवाल की वन-टू-वन चर्चा, कल विधायक दल की बैठक

कोलकाता: CM ममता बनर्जी और डॉक्टरों के बीच बैठक, क्या है पंचसूत्रीय मांग