हम लाएंगे चांद से मिट्टी निकाल के... चंद्रयान-4 मिशन में क्या क्या होगा, पूरी डिटेल यहां जानें

By अभिनय आकाश | Dec 22, 2023

भारत के तीसरे मून मिशन चंद्रयान-3 ने चार महीने पहले चांद के दक्षिणी ध्रुव पर कदम रखते हुए इतिहास रचा था। भारत चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट-लैंडिंग हासिल करने वाला केवल चौथा देश (अमेरिका, रूस और चीन) बन गया। अब चार महीने बाद इसरो की तरफ से एक और अच्छी खबर सामने आ रही है। इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा कि अब चंद्रमा से उसकी मिट्ठी और पत्थरों का सैंपल धरती पर लेकर आएंगे। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भरोसा दिलाते हुए कहा कि मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि हम चांद से पत्थर लेकर जरूर आएंगे। वो भी अपने दम पर। इसरो चीफ ने कहा कि इन तकनीकों को विकसित करने में कम से कम चार साल लग जाएंगे। यही हमारा टारगेट है। 

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चंद्रयान-4 मिशन में क्या क्या होगा

वैसे इसरो चीफ ने अपने वक्तव्य में ये बात नहीं बताई है कि ये मिशन जापान के साथ किया जा रहा है या नहीं। इसे इसरो अकेले अपने दम पर कर ले। लेकिन पहले के प्लान के मुताबिक इसमें जापानी स्पेस एजेंसी भी शामिल थी। चंद्रयान 4 पिछले मिशन से बिल्कुल अलग होगा। इस मिशन में रोबोटिक तकनीक शामिल होगी। जिसका काम सैंपल को कलेक्ट करना और उसे धरती पर वापस भेजना है। मिशन में दो शिप का इस्तेमाल होगा। पहला चांद की सतह पर लैंड करके सैंपल को कलेक्ट करेगा। फिर अंतरिक्ष में दूसरे क्रॉफ्ट से कनेक्ट करेगा। सैंपल के साथ शिप पृथ्वी पर वापसी करेगा। जबकि अन्य शिप पृथ्वी की परिक्रमा करता रहेगा। पूरे मिशन का कुल वजन 6000 किलो होगा। जबकि पेलोड का वजन 350 किलो के आसपास होगा।

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भारत का अपना स्पेस स्टेशन

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक बैठक में देश की अंतरिक्ष एजेंसी ने अपने अंतिम चंद्रमा मिशन से पहले 2025 में अपना पहला मानवयुक्त प्रक्षेपण हासिल करने की योजना बनाई। इसके क्रू एस्केप सिस्टम परीक्षण वाहन की एक प्रदर्शन उड़ान वर्तमान में 21 अक्टूबर के लिए निर्धारित है, और बाद में यह अपने प्रक्षेपण यान को बिना मनुष्यों के तीन परीक्षण मिशनों पर भेजेगा। कुल मिलाकर, भारत अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने की दिशा में लगभग 20 परीक्षणों की योजना बना रहा है। 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन - या भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन - की स्थापना और 2040 तक चंद्रमा पर एक चालक दल मिशन लॉन्च करने के अलावा, भारत की नजरें अंतरग्रही मिशनों पर भी हैं।  

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