By अभिनय आकाश | Sep 16, 2024
भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद भारत विरोधी गतिविधियां लगातार परवान चढ़ रही है। पहले तो वहां हिंदुओं को निशाना बनाए जाने की खबरें लगातार आ रही थी। इसके साथ ही कट्टरपंथी संगठनों की तरफ से भारत को लेकर बयानबाजी भी की जा रही थी। अब ढाका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर की तरफ से ऐसा बयान सामने आया है जिसे सुनकर लगता है कि बांग्लादेश अब कट्टरपंथी पाकिस्तान संग दोस्ती बढ़ाना चाहता है। बांग्लादेश में पाकिस्तान से दोस्ती और भारत से दुश्मनी की मांग करने वाली नई ताकतें उभर रही हैं। ढाका विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर ने अब बांग्लादेश के जन्म में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले देश भारत को रोकने के लिए पाकिस्तान के साथ परमाणु संधि का आह्वान किया है।
यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर शाहिदुज्जमां ने कहा कि भारत की आदतन धारणा को बदलने के लिए, सही जवाब होगा कि हम परमाणु-सक्षम बनें। बांग्लादेश का परमाणुकरण करें। परमाणु-सक्षम होने का मतलब यह नहीं है कि हम परमाणु शक्ति बन जाएं। परमाणु-सक्षम से मेरा मतलब है कि हमें अपने पूर्व प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान के साथ परमाणु संधि करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की तकनीकी सहायता के बिना भारत को रोका नहीं जा सकता। प्रोफेसर शाहिदुज्जमां ने कहा कि पाकिस्तान हमेशा बांग्लादेश का सबसे भरोसेमंद सुरक्षा भागीदार रहा है। लेकिन भारतीय नहीं चाहते कि हम इस पर विश्वास करें। अवामी लीग चाहती है कि हम इस पर विश्वास न करें। बांग्लादेश को पाकिस्तान की ओर झुकाव रखना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तानियों का दिल ईर्ष्यालु है। वे नहीं चाहते कि हम माफ़ी मांगें. लेकिन वे यह भी नहीं चाहते कि हम भारत के साथ रहें। वे भारत से हमारी रक्षा के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं।
प्रोफेसर शाहिदुज्जमां ने पाकिस्तान से परमाणु मिसाइलें हासिल करने और उन्हें भारत से लगी सीमा पर तैनात करने की भी बात कही. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की गौरी कम दूरी की मिसाइलों को उत्तरी बंगाल और चटगांव पहाड़ी इलाकों में रखने से भारत पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने आरोप लगाया कि भारत बांग्लादेश के कुछ हिस्सों पर कब्जा कर उसे पूर्वोत्तर राज्यों का हिस्सा बनाना चाहता है और इसे रोकने के लिए परमाणु संधि और पाकिस्तानी मिसाइल हासिल करने के मामले में पाकिस्तान की मदद की जरूरत है।