केंद्र सरकार संसद में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश करने जा रही है। इस विधेयक का ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) समेत मुस्लिम संगठनों ने विरोध किया है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक का कड़ा विरोध करते हुए चेतावनी दी कि अगर यह विधेयक संसद में पारित हुआ तो देशव्यापी आंदोलन होगा। एआईएमपीएलबी के प्रवक्ता डॉ. सैयद कासिम रसूल इलियास ने विधेयक को लोकसभा में चर्चा के लिए रखे जाने से कुछ समय पहले कहा कि यह भेदभावपूर्ण और सांप्रदायिक रूप से प्रेरित" है और आरोप लगाया कि विपक्ष द्वारा उठाई गई आपत्तियों को नजरअंदाज कर दिया गया।
लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक पर चर्चा और पारित होने के कारण हंगामेदार सत्र होने की संभावना है। इस विधेयक पर देश भर में विरोध और आलोचना हुई है और इस पर प्रत्येक सदन में आठ घंटे तक बहस होनी है। अगर यह विधेयक लोकसभा में पारित हो जाता है तो इसे आगे की चर्चा के लिए गुरुवार को राज्यसभा में भेजा जाएगा। नरेन्द्र मोदी सरकार इस विधेयक को पारित कराने के लिए कटिबद्ध है तथा विपक्ष इसका कड़ा विरोध कर रहा है, इसलिए संसद के दोनों सदनों में इस पर गहन बहस होने की उम्मीद है।
विपक्ष की चिंताएँ
कड़े विरोध के बीच अगस्त 2023 में पेश किए गए इस विधेयक को बाद में भाजपा सांसद जगदम्बिका पाल की अध्यक्षता वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेज दिया गया। कई महीनों के विचार-विमर्श के बाद, समिति ने इस साल 13 फरवरी को अपनी रिपोर्ट पेश की, जिसे केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 19 फरवरी को मंजूरी दे दी। हालांकि, पैनल में शामिल विपक्षी सांसदों ने चिंता जताई है कि उनके प्रस्तावित संशोधनों को खारिज कर दिया गया। जेपीसी ने एनडीए सदस्यों द्वारा सुझाए गए 14 बदलावों को स्वीकार कर लिया, जबकि विपक्षी सांसदों द्वारा प्रस्तावित सभी 44 संशोधनों को खारिज कर दिया।