राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर उदित राज का विवादित बयान, भाजपा ने किया जबरदस्त पलटवार

By अंकित सिंह | Oct 06, 2022

हमेशा अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में रहने वाले कांग्रेस नेता उदित राज ने एक बार फिर से राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर विवादित बयान दे दिया है। उदित राज ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की है। जिसके बाद भाजपा उन पर हमलावर हो गई है। राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू के लिए चमचागिरी जैसे शब्द का इस्तेमाल किया गया है। यही कारण है कि अब भाजपा उदित राज पर चौतरफा वार कर रही है। उदित राज ने अपने ट्वीट में लिखा कि द्रौपदी मुर्मू जी जैसा राष्ट्रपति किसी देश को न मिले। चमचागिरी की भी हद्द है । कहती हैं 70% लोग गुजरात का नमक खाते हैं । खुद नमक खाकर ज़िंदगी जिएँ तो पता लगेगा।

 

इसे भी पढ़ें: दिग्विजय सिंह ने पूछा मोहन भागवत से सवाल, क्या आरएसएस किसी महिला को सरसंघचालक नियुक्त करेगा?


भाजपा का पलटवार 

पलटवार में भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि कांग्रेस नेता उदित राज द्वारा राष्ट्रपति मुर्मू के लिए इस्तेमाल किए गए शब्द चिंताजनक, दुर्भाग्यपूर्ण। यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने इस तरह के शब्दों का इस्तेमाल किया है। कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने भी किया। यह उनकी आदिवासी विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि अनुसूचित जनजाति वर्ग का अपमान करना शुरू से कांग्रेस की नीति रही है। उदित राज जैसे कांग्रेस नेताओं के बयान से ऐसा लगता है कि इन्होंने जनजाति वर्ग का अपमान करने की सुपारी ले रखी है। भाजपा नेता और उत्तर प्रदेश के मंत्री जितिन प्रसाद ने कहा कि उदित राज जैसे नेताओं को अपनी टुच्ची राजनीति से ऊपर उठना चाहिए। उन्हें सीखना चाहिए कि कैसे राष्ट्रपति का सम्मान किया जाता है। 

 

इसे भी पढ़ें: कांग्रेस नेता मोढवाडिया व पूर्व मुख्यमंत्री वाघेला को भ्रष्टाचार मामले में समन जारी


उदित राज की सफाई

सफाई में उदित राज ने कहा कि द्रौपदी मुर्मू जी का राष्ट्रपती के तौर पर पूरा सम्मान है। वो दलित - आदिवासी की प्रतिनिधि भी हैं और इन्हे आधिकार है अपने हिस्से का सवाल करना। इसे राष्ट्रपती पद से न जोड़ा जाए। उन्होंने आगे कहा कि द्रौपदी मुर्मू जी से कोई दुबे, तिवारी, अग्रवाल, गोयल, राजपूत मेरे जैसा सवाल करता तो पद की गरिमा गिरती। हम दलित - आदिवासी आलोचना करेगें और इनके लिए लड़ेंगे भी। हमारे प्रतिनिधि बनकर जाते हैं फिर गूंगे-बहरे बन जाते हैं। भाजपा ने मेरा सम्मान किया, जब एससी/एसटी की बात की तो बुरा हो गया। इसके साथ ही पूर्व सांसद ने कहा कि मेरा बयान द्रोपदी मुर्मू जी के लिऐ निजी है, कांग्रेस पार्टी का नही है। मुर्मू जी को उम्मीदवार बनाया व वोट मांगा आदीवासी के नाम से। राष्ट्रपति बनने से क्या आदिवासी नही रहीं? देश की राष्ट्रपती हैं तो आदिवासी की प्रतिनिधि भी। रोना आता है जब एससी/एसटी के नाम से पद पर जाते हैं फिर चुप।

प्रमुख खबरें

ठाणे में स्कूली छात्रा का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में इंजीनियरिंग का छात्र गिरफ्तार

प्रधानमंत्री मोदी वाराणसी पहुंचे, अधिकारियों से सामूहिक बलात्कार मामले में सख्त कार्रवाई करने को कहा

Hanuman Janmotsav 2025: हनुमान जन्मोत्सव पर बजरंगबली को कैसे अर्पित करें चोला? जानिए संपूर्ण विधि और पूजा की सामग्री

केंद्र के स्वास्थ्य कार्यक्रमों में दिल्ली का शामिल होना ‘क्रांतिकारी’ कदम: प्रधानमंत्री मोदी