By अभिनय आकाश | Feb 20, 2025
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ऐसे ऐसे फैसले ले रहे हैं। ऐसे ऐसे बयान दे रहे हैं जिन्होंने पूरी दुनिया में उथल पुथल मचा दी है। अब डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी पर एक ऐसा खुलासा किया है जिसे सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। दरअसल, पिछले कई दिनों से आप सुन रहे होंगे कि ट्रंप बार बार बोल रहे हैं कि भारत में वोटिंग टर्नआउट बढ़ाने के लिए बाइडेन प्रशासन ने 21 मिलियन डॉलर दिए थे। लेकिन ट्रंप ने पहली बार बताया है कि ये पैसा असल में किस काम के लिए दिया गया था। डोनाल्ड ट्रंप ने बताया है कि ये पैसा भारत में सत्ता परिवर्तन के लिए दिया गया था। ट्रंप ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा है कि भारत में किसी और को सत्ता में लाने की तैयारी चल रही थी। ट्रंप का सीधा सीधा मतलब ये है कि पीएम मोदी को सत्ता से हटाकर किसी और को लाने की तैयारी चल रही थी। शायद इसलिए ये 21 मिलियन दिए गए थे। डोनाल्ड ट्रंप का बयान सुनकर अब कई लोग सोशल मीडिया पर लिख रहे हैं कि बाइडेन प्रशासन में जार्ज सोरोस ने पीएम मोदी को सत्ता से हटाने की कसम खाई थी। ऐसे में क्या सोरोस ने ही पीएम मोदी को हटाने के लिए पैसा दिया था।
वैसे ट्रंप ने अपने बयान में रूस का जिक्र भी कर दिया। ट्रंप ने कहा कि रूस अगर अमेरिकी चुनाव में दखल देने के लिए 2 डॉलर भी खर्च कर दे तो दुनिया में बवाल हो जाएगा। मगर भारत में तो 21 मिलियन भेजे गए। यानी डोनाल्ड ट्रंप ये इशारा दे रहे हैं कि भारत में इस मुद्दे पर बहस होनी चाहिए और इसकी जांच भी होनी चाहिए। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने 'भारत में चुनावों में वोटरों की भागीदारी बढ़ाने' के लिए अमेरिका से 2.1 करोड़ डॉलर (182 करोड़ रुपये) की फंडिंग के मकसद पर सवाल उठाए हैं। ट्रंप ने कहा कि हम भारत को यह फंड क्यों दे रहे हैं? उनके पास बहुत ज्यादा पैसा है। भारत दुनिया के सबसे अधिक टैरिफ लगाने वाले देशों में से एक है, खासतौर पर हमारे लिए। मैं भारत और उनके PM का सम्मान करता हूं पर 2.1 करोड़ डॉलर क्यों?
यूएसएड ने भारत के चुनाव आयोग को 2.1 करोड़ डॉलर का योगदान दिया है। विभाग ने भारत समेत 15 ऐसी फंडिंग की लिस्ट जारी कर उन्हें की सेवन से बीजेपी ने सकल उठाया कि फंड का फायदा किसे हुआ। पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एस. वाई. कुरैशी ने कहा कि अमेरिकी फंडिंग की खबर में सचाई नहीं है।
कांग्रेस ने अमेरिकी संस्था यूएसएड से जुड़े हालिया विवाद तथा अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एक टिप्पणी का हवाला देते हुए केंद्र सरकार से आग्रह किया कि इस संस्था द्वारा भारत के सरकारी तथा गैर-सरकारी संस्थानों को दिए गए सहयोग का विस्तृत विवरण देते हुए श्वेत पत्र जारी किया जाना चाहिए। पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया कि यूएसएड के संदर्भ में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा किए जा रहे दावे बेतुके हैं। रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, यूएसएड इन दिनों काफी चर्चा में है। इसकी स्थापना तीन नवंबर 1961 को हुई थी। वैसे तो अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा किए जा रहे दावे कम से कम कहने के लिए तो बेतुके हैं। फिर भी, भारत सरकार को जल्द से जल्द एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए, जिसमें दशकों से ‘यूएसएड’ द्वारा सरकारी और गैर-सरकारी संस्थानों को दिए गए सहयोग का विस्तृत विवरण हो।