सागर द्वीप (पश्चिम बंगाल)। पश्चिम बंगाल में जनवरी के दूसरे सप्ताह में आयोजित होने वाले वार्षिक गंगासागर मेले के लिए श्रद्धालु आखिरी समय में उमड़ने वाली भीड़ से बचने के लिए पहले ही यहां जुटने शुरू हो गए हैं। हर साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर हजारों श्रद्धालु गंगा और बंगाल की खाड़ी में डुबकी लगाने तथा कपिल मुनि मंदिर में पूजा अर्चना करने के लिए इस द्वीप पर जुटते हैं। स्थानीय प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि श्रद्धालु लगभग साल भर गंगासागर में आते हैं लेकिन मेले के लिए आने वाले लोग आम तौर पर इतनी जल्दी नहीं पहुंचते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह नया चलन है।’’
डायमंड हार्बर के लॉट 8 में देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालुओं को लेकर आ रहे वाहन देखे जा सकते हैं ताकि काचुबेरिया तक नौका सेवा ली जा सकें। काचुबेरिया से उन्हें सागर द्वीप तक ले जाया जाएगा। अपने बुजुर्ग माता-पिता के साथ महाराष्ट्र से आए मनीष झा ने कहा कि वह भीड़भाड़ से बचना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि वे (माता-पिता) बूढ़े हैं तो मुझे अतिरिक्त सावधानी बरतनी है कि उन्हें किसी तरह की असुविधा ना हों।’’
उन्होंने कहा कि इस बात की भी संभावना थी कि उन्हें मेले के दौरान ठहरने की उचित जगह ना मिले इसलिए वे पहले आ गए। गंगासागर मेले में नियमित तौर पर आने वाले पर्यटक हैदराबाद के आलोक प्रसाद ने कहा कि वह कोई भी जोखिम नहीं उठाना चाहते। सागर द्वीप पर विकसित बुनियादी ढांचे की प्रशंसा करते हुए प्रसाद ने कहा, ‘‘मैं करीब 15 वर्षों से मेले में आ रहा हूं। पिछले कुछ वर्षों में अच्छे बदलाव हुए हैं।
सुविधाओं में सुधार के साथ यहां आने वाले लोगों की संख्या बढ़ गई है जिससे ठहरने की जगह नहीं मिलती।’’ स्थानीय प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि श्रद्धालुओं को ठहराने के लिए इस बार और अधिक टेंट लगाए जाएंगे।