देश में समान नागरिक संहिता को लेकर बहस एक बार फिर से तेज हो गई है। पीएम मोदी के मध्य प्रदेश के भोपाल में इसका जिक्र किए जाने के बाद से राजनीति दलों की ओर से इसके समर्थन और विरोध में अपनी-अपनी दलीलें दी जा रही हैं। इन सब के बीच संसद की एक स्थायी समिति ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के मुद्दे पर विभिन्न हितधारकों के विचार लेने के लिए विधि आयोग द्वारा हाल में जारी नोटिस पर तीन जुलाई को (विधि) आयोग और कानून मंत्रालय के प्रतिनिधियों को बुलाया है। वहीं सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के लिए केंद्र सरकार के दबाव का समर्थन करेगी। पार्टी नेता संजय राउत ने कहा कि पार्टी की सोच हमेशा यूसीसी की रही है लेकिन अंतिम निर्णय मसौदा तैयार होने के बाद किया जाएगा।
लॉ कमीशन की ओर से यूसीसी पर धार्मिक संगठनों और जनता से राय मांगी गई थी। लॉ कमीशन के कदम के बाद शिवसेना उद्धव गुट के नेता उद्धव ठाकरे ने भी यूसीसी का समर्थन किया था। वहीं मुस्लिम नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने मुंबई में उद्धव ठाकरे से मुलाकात की और इसके बाद कहा कि अगर केंद्र सरकार समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करती है तो इसका असर केवल मुसलमानों पर नहीं बल्कि सभी समुदायों पर पड़ेगा।