शरद यादव अपने बारे में निर्णय लेने के लिए स्वतंत्रः नीतीश

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Aug 19, 2017

पटना। जंग की लकीर खिंच जाने के बीच जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज कहा कि शरद यादव अपने बारे में निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं और इक्के—दुक्के लोगों के पार्टी छोड़कर जाने से कुछ फर्क नहीं पड़ता। होटल के बदले भूखंड मामले में सीबीआई की प्राथमिकी को लेकर राजद प्रमुख लालू प्रसाद के पुत्र एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के जनता की अदालत में स्पष्टीकरण नहीं दिए जाने पर महागठबंधन से नाता तोड़कर भाजपा के साथ मिलकर नीतीश कुमार के बिहार में नई सरकार बनाने से नाराज शरद यादव के अपनी पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में भाग न लेकर उसके समांनातर अपने विश्वासपात्रों के साथ मिलकर आज यहां 'जन अदालत कार्यक्रम' का आयोजन किया।

नीतीश ने कहा, ‘‘शरद यादव पार्टी के वरीय नेता रहे हैं। मुझे उनके बारे में कुछ नहीं कहना है वे निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं, जो फैसला करना चाहे करें।’’ उन्होंने शरद को किए गए सहयोग की चर्चा करते हुए उन पर प्रहार करते हुए कहा कि वे जब 2013 में राजग से अलग हो रहे थे तो उस समय वे पार्टी के अध्यक्ष थे पर उस समय कुछ नहीं कहा कि वे इसके पक्ष में नहीं हैं और आज उसके बारे में कह रहे हैं। नीतीश ने कहा कि उस समय दिल्ली में पार्टी की राष्ट्रीय परिषद की बैठक हुई थी पर उस समय क्यों नहीं रोका था और क्यों नहीं कहा था। बाद में कोई बात करना... मुझको आश्चर्य लगता है।

 

भाजपा के साथ नई सरकार बनाए जाने पर शरद के प्रश्न उठाते इसे महागठबंधन को मिले जनादेश के साथ धोखा बताए जाने पर नीतीश ने कहा कि क्या जनादेश इसलिए मिला कि पिछलग्गु बनकर लोगों के हर तरह के कुकर्म को हम झेलें। नीतीश ने कहा कि हम लोगों की एक अलग पहचान है। उन्होंने लालू पर प्रहार करते हुए कहा कि बहुत लोगों को भ्रम है, जदयू का भी जनाधार है और बार—बार यह साबित हो चुका है कि जदयू जिसके साथ होती उसी की जीत होती है।

 

नीतीश ने लालू पर प्रहार जारी रखते हुए कहा कि उन्होंने कितना बर्दाश्त किया। कहते थे कि सबसे बड़ा दल (राजद) है।..... इमानदारी के साथ गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया। उन्होंने कहा कि रटते रहे हम बड़ी पार्टी हैं। लोगों को बहुत गुमान और घमंड है। भूल गए 2010 के विधानसभा चुनाव को। आप के साथ उस समय रामविलास पासवान भी थे तब आप 22 सीट पर थे और आज रामविलास जी आपके साथ नहीं हैं। नीतीश ने कहा कि हम वोट के लिए काम नहीं करते अपने संकल्प के लिए काम करते हैं। वोट कोई अहमियत नहीं रखती। हम इतने बार सांसद का चुनाव लड़ा हारे लेकिन कभी भी अपने चुनाव क्षेत्र में जो हमको वोट नहीं दिया उनके बारे में कोई गलत ख्याल नहीं रखते।

 

उन्होंने कहा कि बिहार के लोग मौका देते हैं, सरकार बनाने और चलाने का तो कैसे फर्क कर सकते हैं और कभी ऐसा किया भी नहीं। यह मेरा धर्म एवं कर्तव्य है कि समाज के हर तबके की सेवा करें। नीतीश ने कहा कि ये तो मानकर चलते हुए मुस्लिम वोट उनके साथ है, पर काम क्या किया है, जो काम हमने किया है वह लोगों के सामने नजीर है। उन्होंने पिछले साल आयोजित प्रकाश पर्व का उदाहरण देते हुए कहा कि बिहार में कितने सिख समुदाय के लोग हैं। हम वोट के लिए काम नहीं करते हम अपना धर्म निभाते हैं। गुरु गोविंद सिंह महाराज का जन्म बिहार में हुआ था। बिहार के लिए गौरव की बात है हम लोगों के लिए शान की बात है इसलिए हमने वह सब किया जो करने की जरूरत थी।

 

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