By अनन्या मिश्रा | Nov 06, 2023
राजेश खन्ना, धर्मेंद्र, अमिताभ बच्चन और शत्रुघ्न सिन्हा जैसे दिग्गज सुपरस्टार की मौजूदगी में अभिनेता संजीव कुमार ने अपनी अलग पहचान बनाई थी। संजीव कुमार अपने दौर के एक ऐसे अभिनेता थे, जो कभी भी अपनी उम्र से बड़े किरदारों को करने से नहीं हिचकिचाते थे। अभिनेता संजीव ने अपने हमउम्र कलाकारों के दादा और पिता आदि के रोल को निभाया। लेकिन बता दें कि असल जिंदगी में वह 50 तक की उम्र के पास भी नहीं पहुंच पाए थे। आज ही के दिन यानी की 6 नवंबर को अभिनेता संजीव कुमार के मौत हो गई थी। कहा जाता था कि उन्हें अपनी मौत का पहले से आभास था। आइए जानते हैं उनकी डेथ एनिवर्सरी के मौके पर संजीव कुमार के जीवन से जुड़ी कुछ रोचक बातों के बारे में...
जन्म
आपको बता दें कि 9 जुलाई 1938 को संजीव कुमार का जन्म सूरत में हुआ था। जब वह सात साल के थे, तो उनका परिवार मुंबई शिफ्ट हो गया था। संजीव का असली नाम हरिहर जेठालाल जरीवाला था, वहीं उनके जानने वाले उनको प्यार से हरीभाई कहकर बुलाते थे। मुंबई आने के बाद यहां की चकाचौंध संजीव कुमार को भाने लगी थी। जिसके बाद उन्होंने फिल्मी दुनिया का रुख करते हुए इसकी शुरुआत स्टेज पर एक्टिंग करने से की। इस सफर में उनको सफलता मिली और वह थियेटर से जुड़ गए।
फिल्मी सफर
संघर्ष का डटकर मुकाबला करते हुए संजीव कुमार सफलता की सीढ़ियां चढ़ते गए। उन्होंने अपने एक्टिंग सफर की शुरूआत 'इप्टा' से की थी। वहीं पहली बार ‘हुस्न और इश्क’ में वह बतौर हीरो नजर आए थे। बताया जाता है कि फिल्म 'खिलौना' में अपने रोल को बारीकी से समझने के लिए संजीव कुमार ने मानसिक रोगियों के व्यवहार पर ध्यान दिया था। उनको फिल्म 'दस्तक' और 'कोशिश' के लिए नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया था। इसके अलावा फिल्म 'शोले' में ठाकुर बलदेव सिंह के रोल को दर्शक आज तक नहीं भुला सके।
पूरी उम्र रहे कुंवारे
संजीव कुमार को अपनी मौत का पहले से ही आभास था। शायद इसी कारण उन्होंने शादी नहीं की। हांलाकि उनकी जिंदगी में कई महिलाओं का दखल रखा। हेमा मालिनी, सुलक्षणा पंडित जैसी टॉप एक्ट्रेस के साथ संजीव कुमार का नाम जुड़ा। वहीं उन्होंने एक्ट्रेस हेमा मालिनी को प्रपोज भी किया था। लेकिन हेमा मालिनी ने उनके प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। यह संजीव कुमार के कुंवारे बने रहने का एक और कारण भी हो सकता है।
भाई की मौत
संजीव कुमार अपने छोटे भाई के निधन से एकदम टूट गए थे। साथ ही भाई की मौत के बाद उन्होंने बिना ब्याह के ही पिता का दायित्व निभाया था। दरअसल, उन्होंने भाई की मौत के बाद उनके बेटे की सारी जिम्मेदारी उठा ली थी। एक बार संजीव कुमार ने बड़े पर्दे पर बूढ़े आदमी का किरदार निभाने की वजह बताई, उन्होंने कहा था कि वह कभी बूढ़े नहीं होने वाले हैं। क्योंकि वह भी अपने परिवार के अधिकतर मर्दों की तरह 50 की उम्र से ज्यादा जीवित नहीं रहेंगे। इसलिए वह स्क्रीन पर ही बुढ़ापे को महसूस करना चाहते हैं।
मौत
हांलाकि अभिनेता का अनुमान सही साबित हुए और 6 नवंबर 1985 को संजीव कुमार की हार्ट अटैस के मौत हो गई थी। उस दौरान अभिनेता की उम्र 47 साल थी। बता दें कि 'एन एक्टर्स एक्टर: दि ऑथराइस्ड बायोग्राफी ऑफ संजीव कुमार' लिखने वाले राइटर हनीफ जावेरी के मुताबिक अभिनेता संजीव कुमार के दादा, शिवलाल जरीवाला, जेठालाल जरीवाला, भाई किशोर जरीवाला और निकुल जरीवाला की 50 से कम उम्र में मौत हो गई थी। साथ ही सबसे ज्यादा हैरानी की बात यह है कि उनके परिवार के इन सभी मर्दों की मौत हार्ट अटैक से हुई थी।