By अभिनय आकाश | Jun 29, 2023
राहुल गांधी को बताना चाहिए कि उन्होंने जॉर्ज सोरोस की सहयोगी सुनीता विश्वनाथ से मुलाकात क्यों की? मालवीय ने पूछा कि जिन्होंने सार्वजनिक रूप से भारत की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को अस्थिर करने की कसम खाई है। उन्हें यह भी बताना चाहिए कि जॉर्ज सोरोस की ओपन सोसायटी के वैश्विक उपाध्यक्ष सलिल शेट्टी भारत जोड़ो यात्रा में क्या कर रहे थे? सिर्फ इतना ही नहीं। न्यूयॉर्क में राहुल गांधी के 4 जून के कार्यक्रम का समन्वय पाकिस्तान के जमात-ए-इस्लामी से जुड़े सदस्यों ने किया था। एक प्रमुख नाम तंजीम अंसारी का था, जो आउटरीच कमेटी ऑफ मुस्लिम कम्युनिटी ऑफ न्यू जर्सी (एमसीएनजे) के अमीर हैं।
अमित मालवीय ने कहा कि एमसीएनजे का नेतृत्व पाकिस्तान में जन्मे राष्ट्रीय इमाम जवाद अहमद करते हैं, जो अमेरिकी इस्लामवादी हलकों में एक प्रमुख चेहरा हैं। वह जमात फ्रंट इस्लामिक सर्कल ऑफ नॉर्थ अमेरिका (आईसीएनए) के कार्यक्रमों में अक्सर जाता है, जो मानवाधिकारों के नाम पर भारत के खिलाफ पाकिस्तान के प्रचार को बढ़ावा देता है। आईसीएनए एक प्रमुख जमात मोर्चा है जिसके कई अध्याय हैं और कट्टरपंथी समूहों और आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध हैं। यह समूह पाकिस्तान राज्य प्रायोजित आतंकवादियों को बढ़ावा देने और उनका महिमामंडन करने के लिए कुख्यात है। कांग्रेस एफआईआर के पीछे छिप नहीं सकती. उन्हें ऐसे कट्टरपंथी तत्वों के साथ राहुल गांधी की सांठगांठ पर स्पष्टीकरण देना चाहिए।
बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांघी की भारत जोडो़ यात्रा से भी जॉर्ज सोरोस का कनेक्शन सामने आया था। अक्टूबर 2022 को सलिल शेट्टी नाम के व्यक्ति की तस्वीर राहुल के साथ भारत जोड़ो यात्रा में कदम से कदम मिलाकर चलते हुए सामने आई थी। सलिल शेट्टी जार्ज सोरोस की ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के वैश्विक उपाध्यक्ष है। इसके पहले शेट्टी एमनेस्टी इंटरनेशनल से भी वो जुड़े रहे हैं।
कौन हैं जार्ज सोरोस
92 साल के व्यक्ति जॉर्ज सोरोस अमेरिका की मशहूर इनवेस्टमेंट कंपनी सोरोस फंड मैनेजमेंट एलएलसी के फाउंडर है। उनकी कुल वर्थ 8.5 बिलियन यूएस डॉलर है। यानी 70 हजार 418 करोड़ रुपये। जॉर्ज सोरोस की ताकत उनका पैसा नहीं बल्कि उनका एनजीओ है, जिसकी मदद से वो पहले भी बहुत सारे देशों को अस्थिर कर चुके हैं। कुछ वर्षों से जॉर्ज सोरोस के निशाने पर हमारा देश भारत है। हंगरी मूल के अमेरिकी सोरोस निवेशक और समाजसेवी हैं।
कौन हैं सुनीता विश्वनाथ
सुनीता विश्वनाथ 'हिंदू फॉर ह्यमून राइट्स' की सह-संस्थापक हैं और 'इंडियन अमेरिकन मुस्लिम काउंसिल' (आईएएमसी) जैसे संगठनों के साथ कई कार्यक्रमों की सह-मेजबानी करती हैं। आईएएमसी पर आरोप लगते रहे हैं कि यह आईएसआई की सांठगांठ का हिस्सा है और भारत में सामाजिक उथल-पुथल को बढ़ाना चाहता है। भाजपा का दावा है कि सुनीता विश्वनाथ के संगठन 'वुमन अफगान वीमेन' को सोरोस ओपन सोसाइटी फाउंडेशन से फंडिंग मिलती है।