By अंकित सिंह | Aug 10, 2023
आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के जाली हस्ताक्षर वाले आरोपों को "पूरी तरह से निराधार" बताया। इसके साथ ही चड्ढा ने दावा कि कि उन्होंने बिना सहमति के चयन समिति में दिल्ली सेवा विधेयक पर संसदों के नामों को चयन समिति में शामिल करने का प्रस्ताव नहीं किया। उन्होंने कहा कि राज्यसभा में कार्य संचालन के नियम ऐसे पैनल के लिए सांसदों के नाम का प्रस्ताव करते समय उनके हस्ताक्षर लेने की आवश्यकता को अनिवार्य नहीं करते हैं। चड्ढा ने कहा कि उन्होंने कोई हस्ताक्षर नहीं लिया और न ही जमा किया। भाजपा पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि वह उनकी आवाज को ‘‘दबाने’’ की कोशिश कर रही है।
राज्यसभा सदस्य ने कहा कि मैं मीडिया से अनुरोध करता हूं कि वे सच्चाई दिखाएं। मीडिया का एक छोटा वर्ग मेरे खिलाफ दुष्प्रचार कर रहा था और मुझे उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करानी होगी। उन्होंने कहा कि मुझे उन सांसदों के खिलाफ भी कोर्ट और विशेषाधिकार समिति में शिकायत दर्ज करानी होगी जिन्होंने दावा किया था कि फर्जी हस्ताक्षर थे। उन्होंने कहा कि नियम पुस्तिका में कहा गया है कि कोई भी सांसद किसी भी समिति के गठन के लिए नाम प्रस्तावित कर सकता है और जिसका नाम प्रस्तावित किया गया है उसके न तो हस्ताक्षर की आवश्यकता है और न ही लिखित सहमति की। लेकिन झूठ फैलाया गया कि फर्जी हस्ताक्षर किए गए हैं।
इसके साथ ही आप नेता ने भाजपा को चुनौती देते हुए कहा कि वे वह कागज लेकर आएं जिस पर फर्जी हस्ताक्षर किए गए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ‘‘उनकी आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है’’। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि मैं भाजपा के उन लोकसभा सदस्यों के खिलाफ विशेषाधिकार समिति और अदालत का दरवाजा खटखटाऊंगा जिन्होंने मेरे खिलाफ जालसाजी का झूठा आरोप लगाया है। आपको बता दें कि राज्यसभा के एक बुलेटिन में कहा गया है कि सभापति को उच्च सदन के सदस्य सस्मित पात्रा, एस फांगनोन कोन्याक, एम थंबीदुरई और नरहरि अमीन से शिकायतें मिली हैं, जिन्होंने चड्ढा पर विशेषाधिकार हनन का आरोप लगाया है और अपनी शिकायत में सात अगस्त को एक प्रस्ताव में प्रक्रिया एवं नियमों का उल्लंघन करते हुए उनकी सहमति के बिना उनके नाम शामिल किए जाने का जिक्र किया है।