By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Nov 27, 2024
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि भारत के पास अपनी प्राण शक्ति है, लेकिन यह कई लोगों को दिखाई नहीं देती क्योंकि उनकी चेतना में 500 साल पुराने संस्कार गहराई से समाए हुए हैं।
एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भागवत ने कहा कि यह भारत की प्राण शक्ति है जो दुनिया के किसी भी हिस्से में संकट आने पर मदद के लिए आगे आती है, बिना यह विचार किए कि जिस देश को संकट का सामना करना पड़ रहा है, वह दोस्त है या शत्रु।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत में प्राण शक्ति है जो हमारी आंखों के सामने है लेकिन यह दिखाई नहीं देती क्योंकि 500 वर्षों के संस्कार हमारे अंदर गहराई से समाए हुए हैं।’’ उन्होंने लोगों से अपनी और देश की प्राण शक्ति को प्राप्त करने के लिए भारतीय आध्यात्मिक प्रथाओं का अनुसरण करने का आह्वान किया।
उन्होंने इस वर्ष 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर में हुए प्राण प्रतिष्ठा समारोह का परोक्ष संदर्भ देते हुए कहा, भारत की प्राण शक्ति आम आदमी में और छोटी-छोटी चीजों में प्रकट होती है। यह 22 जनवरी को आश्चर्यजनक रूप से प्रकट हुई।
यह कार्यक्रम दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर में आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी मुकुल कानिटकर द्वारा लिखित पुस्तक बनायें जीवन प्राणवान के विमोचन के लिए आयोजित किया गया था।