By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 22, 2017
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा ने अवैध या नकली शराब के कारोबार में लिप्त लोगों के खिलाफ मृत्युदंड और आजीवन कारावास का कड़ा प्रावधान करने वाला एक विधेयक पारित कर दिया। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने सदन में 'उत्तर प्रदेश आबकारी (संशोधन) विधेयक 2017' कल पेश किया था। यह विधेयक इस संबंध में सरकार की ओर से गत सितंबर में लाये गये अध्यादेश की जगह लेगा।
विधेयक में नकली शराब पीने से मृत्यु होने की स्थिति में मृत्युदंड, आजीवन कारावास और जुर्माने, जो दस लाख रूपये तक हो सकता है किन्तु पांच लाख रूपये से कम ना होगा, का प्रावधान है। विधेयक में कहा गया कि अगर नकली शराब पीने की वजह से विकलांगता होती है तो आजीवन कारावास या कठोर कारावास, जो दस वर्ष तक हो सकता है किन्तु छह वर्ष से कम ना होगा, की व्यवस्था है।
जुर्माने की राशि पांच लाख रूपये तक हो सकती है, किन्तु यह तीन लाख रूपये से कम ना होगी। नकली या जहरीली शराब के कारण मौत एवं विकलांगता के कुछ मामले प्रकाश में आने के बाद सितंबर में राज्य सरकार ने उत्तर प्रदेश आबकारी कानून में संशोधन के लिए अध्यादेश जारी किया था। विधेयक में अवैध या नकली शराब के कारोबार में शामिल लोगों के खिलाफ दंडात्मक प्रावधान और कडे़ किये गये हैं।
दिल्ली और गुजरात के बाद उत्तर प्रदेश देश का तीसरा ऐसा राज्य बन गया है, जहां नकली शराब पीने के परिणामस्वरूप मृत्यु होने की स्थिति में कडे़ दंड का प्रावधान करने वाला कानून बनाने की प्रक्रिया चल रही है। उत्तर प्रदेश में नकली या जहरीली शराब पीने की वजह से हर साल कई लोगों की मौत हो जाती है। जुलाई में आजमगढ़ में जहरीली शराब पीने से 17 लोगों की मौत हो गयी थी।
लखनऊ के मलिहाबाद में 2015 में इसी तरह की घटना में 28 लोगों की मौत हो गयी थी। विधानसभा ने उत्तर प्रदेश दंड विधि (अपराधों का शमन और विचारणों का उपशमन) संशोधन विधेयक 2017 भी ध्वनिमत से पारित कर दिया। यह विधेयक 31 दिसंबर 2015 तक मजिस्ट्रेट के समक्ष लंबित मामलों से संबंधित हे। ऐसे लगभग 20 हजार मामले हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल सदन में कहा था कि सरकार राजनीतिक मामलों को समाप्त करने के लिए विधेयक लाने जा रही है।