कश्मीर में सेना और सुरक्षा बलों ने ऑपरेशन ऑल आउट के तहत पाकिस्तानी आतंकी तंजीमों की कमर तोड़ कर रख दी है। इससे ट्रेंड आतंकवादियों में कश्मीर में बड़ी वारदात को अंजाम नहीं दे पाने की बौखलाहट भी नजर आने लगी है। जम्मू कश्मीर में पवित्र अमरनाथ गुफा की यात्रा एक जुलाई से शुरू होने वाली है। अमरनाथ यात्रा को लेकर सुरक्षाबल अलर्ट मोड में हैं। लेकिन इसके साथ ही आतंकियों द्वारा यात्रा के दौरान किसी बड़ी घटना को अंजाम दिए जाने की कोशिशों को लेकर भी खबर सामने आई है। आतंकी यात्रा के दौरान किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में हैं।
पाकिस्तान की करतूतों से इतर भारतीय सुरक्षा बलों ने सीमा पर अपनी चौकसी बढ़ा दी है। इसके बाद घुसपैठ की कोशिश में जुटे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने रणनीति बदल ली है। जम्मू-कश्मीर में खुफिया सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने राजौरी और पुंछ को घुसपैठ के लिए चुना है। इन इलाकों में घुसपैठ को आसान बनाने के लिए इनके रूप सामने के पाकिस्तानी कब्जे वाले प्रश कश्मीर (पीओके) में हाई-फ्रीक्वेंसी मोबाइल टावर लगाए जा रहे हैं। घुसपैठ के बाद आतंकी जंगलों में छिप जाते हैं। इस दौरान आंतकियों से संपर्क बनाए रखने के लिए 20 से 30 जगह टावर लग रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार हाई फ्रीक्वेंसी मोबाइल टावर लगाने के पीछे आईएसआई का मकसद घुसपैठ के वक्त आतंकियों द्वारा बेहतर तरीके से संवाद कर पाना है। खुफिया सूत्रों के अनुसार 20 से 30 जगह पर पाकिस्तान हाई फ्रीक्वेंसी टावर लगा चुका है जिनमें बोकरा गली, चकियास, चिरीकोट, काहूता, चप्परकड़ा, कालामुला, मंदार, बल्लनवाली, धोक, काचारबन, सनई रावलकोट शामिल है।