Akhand Bharat Part-1: अखंड भारत कैसे विभाजित हुआ, भारतवर्ष के टुकड़े-टुकड़े होने की पूरी कहानी

Akhand Bharat
prabhasakshi
अभिनय आकाश । Jun 5 2023 2:38PM

सम्राट अशोक ने तो इन सीमओं को तक्षशिला से इरान तक खींच दी। भौगोलिक और अध्यात्मिक दोनों रूपों में ये विस्तार पूरे विश्व को अंचभित कर रहा था। एक तरफ तो तलवारों की आवाजें आ रही थी, दूसरी तरफ महावीर और बुद्ध की वाणी सभी को लुभा रही थी।

भारत के प्राचीन काल का नक्शा देखा जाए तो वो एक दहाड़ते हुए सिंह की तरफ नजर आता है। जिसे हम अकंड भारत का नक्शा भी कहते हैं। अखंड इसलिए क्योंकि समय के साथ भारत का कई भागों में विभाजन हुआ और ये कई भागों में बंट गया। पहले के समय में भारत 16 जनपदों में बंटा हुआ था। आज तो ये सभी जानते हैं कि बांग्लादेश और पाकिस्तान तो भारत से ही अलग हुए हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि इनको मिलाकर करीब 20 से भी ज्यादा देश भारत से अलग हो चुके हैं। 25 सौ साल पहले भारत अखंड हुआ करता था। लेकिन अरब, तुर्क, शक्य, फूल, कुशल, डच, पुर्तगाली, फ्रांसीसि और अंग्रेजों ने मिलकर भारत के कई टुकड़े कर दिए। आज आपको बताते हैं कि अखंड भारत की अवधारणा क्या है और कभी इतने सारे देशों को खुद में समाहित करने वाला अखंड भारत कैसे इतने टुकड़ों में बंट गया। 

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क्या है अखंड भारत का मतलब

अखंड भारत का अर्थ है अविभाजित भारत जिसका भौगोलिक विस्तार प्राचीन काल में बहुत विस्तृत था और इसमें वर्तमान अफगानिस्तान, पाकिस्तान, बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार, थाइलैंड शामिल थे। अखंड भारत का विचार सनातन भारतीय सभ्यता जितना ही पुराना है क्योंकि इसे प्राचीन भारतीय शास्त्रों में विधिवत स्थान मिला।  तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व, वर्तमान के अफगानिस्तान, पाकिस्तान, आधुनिक भारत, नेपाल, बर्मा, तिब्बत, भूटान और बांग्लादेश के आधुनिक राष्ट्रों को भारतीय उपमहाद्वीप कवर करता था। बाद में कई स्वतंत्र राज्यों में विभाजित किया गया था। ऋषियों के आश्रम में पले और युगपुरुषों की उंगली थाम कर चले वाले अखंड भारत की कहानी अपने आप में बहुत ही दिलचस्प रही है। इतिहास का पहला पन्ना तब लिखा गया था जब मनुष्यों ने दिन को समय और तारीखों में बांटना नहीं सीखा था। आज मानचित्र में जैसी छवि है भारत हमेशा से ऐसा नहीं था। अनेकों टुकड़ों में कटा हुआ था। जनपदों, महाजनपदों में बंटा हुआ था। फिर एक जिन तक्षशिला में जन्में एक प्रतापी राजा ने अपनी सिखा खोल दी और यहीं से भारत के अखंड राष्ट्र बनने का मार्ग भी प्रशस्त हो गया। खंड खंड बिखड़े हुए भाग एक ध्वजा में सिमट आए। आज के प्रसंग में कहूं तो चाणक्य और चंद्रगुप्त ने बिहार से बलूचिस्तान और कश्मीर से कंधार तक भारत की सीमाओं को फैला दिया। सम्राट अशोक ने तो इन सीमओं को तक्षशिला से इरान तक खींच दी। भौगोलिक और अध्यात्मिक दोनों रूपों में ये विस्तार पूरे विश्व को अंचभित कर रहा था। एक तरफ तो तलवारों की आवाजें आ रही थी, दूसरी तरफ महावीर और बुद्ध की वाणी सभी को लुभा रही थी। 

अखंड भारत कैसे विभाजित हुआ ?

अफगानिस्तान: कंबोज और गांधार जनपद ही बाद में अफगानिस्तान बना। एक समय पर यहां पर हिंदू और फारसी राजाओं का शासन हुआ करता था। लेकिन सिकंदर ने यहां पर कब्जा कर लिया। फिर बाद में यूनानी और फारसी राजाओं ने राज किया। सातवी शताब्दी में अरब के मुसलामों ने यहां आक्रमण कर दिया। बाद में ये दिल्ली के शासकों के आधिपथ्य में रहा। फिर ब्रिटिश ने इसे अपने कब्जे में ले लिया। साल 1750 तक अफगान के कुछ हिस्से भारत के हिस्से में आते थे। 18 अगस्त 1919 को अफगानिस्तान को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली।

नेपाल: 1560 ईं में नेपाल में हिन्दू राजाओं का शासन हुआ करता था। ये अखंड भारत का ही भू-भाग था। यहां पर आर्य समाज की सांस्कृति देखने को मिलती है। चौथी शताब्दी के दौरान गुप्त राजवंश ने यहां पर राज किया। प्रभु श्री राम की पत्नी सीता का जन्म भी मिथिला नेपाल में है। 1904 में वर्तमान के बिहार स्थित सुगौली नामक स्थान पर उस समय के पहाड़ी राजाओं के नरेश से संधि कर नेपाल को एक आजाद देश का दर्जा प्रदान कर अपना रेजीडेंट बैठा दिया। 2008 तक नेपाल विश्व का एकमात्र हिंदू राष्ट्र हुआ करता था।

भूटान: यहां वैदिक और बौद्ध धर्म की संस्कृति नजर आती है। भौगोलिक नजर से आप देखेंगे तो पता चलेगा कि ये भारत के अंतर्गत ही आता था। अंग्रेजों के शासनकाल तक ये भारत का हिस्सा रहा। 1906 में भूटान और सिक्कम को अंग्रजों ने अपने कब्जे में लिया था। आज भी भूटान की सूरक्षा की जिम्मेदारी भारत ने ही ले रखी है। 

बलूचिस्तान: ये भारत के 16 जनपदों में से गांधार का हिस्सा हुआ करता था। 321 ईसा पूर्व में ये जगह चंद्रगुप्त मौर्य के साम्राज्य के अधीन आती थी। सन 711 में मोहम्मद बिन कासिम ने बलूचिस्तान पर आक्रमण किया। फिर गजनी ने इसे अपने कब्जे में लिया। अंग्रेजों ने बलूचिस्तान को 4 रियासतों में बांट दिया- कलात, मकरान, लस बेला और खारन। पाकिस्तान के आजाद होने के बाद सन 1948 में जिन्ना ने इसे धोखे से पाकिस्तान में शामिल कर लिया। लेकिन आज तक यहां विरोध और आजादी की जंग जारी है। 

तिब्बत: प्राचीन समय में तिब्बत को त्रिविष्ट कहा जाता था। एक समय तक यहां पर हिन्दू संस्कृति और धर्म की झलक नजर आती थी। तिब्बत में पहले हिन्दू फिर बाद में बौद्ध धर्म प्रचारित हुआ और यह बौद्धों का प्रमुख केंद्र बन गया। फिर 19वीं शताब्दी तक तिब्बत ने अपनी स्वतंत्र सत्ता बनाए रखी। फिर इसके दो हिस्से कर दिए गए और एक हिस्सा चीन को गया दूसरा लामा के पास। लेकिन पूरे तिब्बत पर चीन ने कब्जा किया हुआ है। 

ईरान: आपको ये जानकर हैरानी होगी की एक समय ईरान को आर्यन के नाम से जाना था और यहां पर आर्य बसे हुए थे। लेकिन सातवीं शताब्दी के बाद अरबों ने हर जगह इस्लाम का प्रचार-प्रसार शुरू किया और ईरान के आर्यों को जबरन इस्लाम कबूल करवाने पर मजबूर किया। आज ईरान पूरी तरह एक इस्लामिक राष्ट्र बन गया है। 

इंडोनेशिया: ये आज की समय में सबसे अधिक मुसलमानों की आबादी वाला देश है। लेकिन यहां के लोग हिंदू सांस्कृति को मानते हैं। 88 प्रतिशत इस्लाम को मानने वाले देश 14वीं शताब्दी तक देश में केवल बौद्ध और हिंदू धर्म की अस्तित्व में थे। 15वीं शताब्दी में इस्लामिक आक्रांताओं के आगमन के साथ यहां पर इस्लाम का प्रचार प्रसार शुरू हुआ। 

मलेशिया: मलेय प्रायद्वीप के तौर पर जाने वाला मलेशिया और इसके आसपास के कंबोडिया, वियतनाम, थाइलैंड, फिलिपींस, सिंगापुर सभी अखंड भारत का हिस्सा हुआ करते थे। यहां हिन्दू आबादी बहुसंख्यक थी। लेकिन विदेशी आंक्रांताओं से मलेशिया भी अछूता नहीं रहा। फिर बौद्ध और इस्लाम धर्म का यहां इजाफा हुआ। 

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