By अंकित सिंह | Jun 25, 2024
कांग्रेस सांसद के सुरेश ने मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए विपक्ष के उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया। यह घटनाक्रम सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) द्वारा भाजपा सांसद ओम बिरला को इस पद के लिए अपने उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारने के कुछ समय बाद आया है। यह पहली बार है जब संसद में लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव होगा। इससे साफ तोर पर पता चलता है कि लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आम सहमति नहीं बन पाई। यहीं कारण है कि अब टकराव की स्थिति देखने को मिल रही है।
इसी को लेकर केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद पीयूष गोयल ने विपक्ष पर पलटवार किया है। पीयूष गोयल ने दावा कि विपक्ष ने कहा कि पहले डिप्टी स्पीकर के लिए नाम तय करें, फिर हम स्पीकर उम्मीदवार का समर्थन करेंगे। हम ऐसी राजनीति की निंदा करते हैं। उन्होंने कहा कि सर्वसम्मति से अध्यक्ष का चयन करना एक अच्छी परंपरा होती। अध्यक्ष किसी पक्ष या विपक्ष का नहीं होता। वह पूरे सदन के हैं। इसी प्रकार उपसभापति भी किसी दल या समूह का नहीं होता वह पूरे सदन के हैं और इसलिए सदन की सहमति होनी चाहिए।
गोयल ने कहा कि ऐसी शर्तें कि कोई विशेष व्यक्ति या किसी विशेष दल से ही उपाध्यक्ष होना चाहिए, लोकसभा की किसी भी परंपरा में फिट नहीं बैठती। उन्होंने कहा कि सुबह राजनाथ सिंह जी मल्लिकार्जुन खड़गे जी से चर्चा करना चाहते थे लेकिन वो व्यस्त थे इसलिए उन्होंने कहा कि वेणुगोपाल जी आपसे बात करेंगे। लेकिन टीआर बालू और केसी वेणुगोपाल जी से बात करने के बाद पुरानी मानसिकता फिर से दिखी कि शर्तें हम तय करेंगे, शर्त यह है कि पहले तय करें कि लोकसभा का उपाध्यक्ष कौन होगा और फिर अध्यक्ष के लिए समर्थन दिया जाएगा, हम इस प्रकार की राजनीति की निंदा करते हैं।