By अंकित सिंह | Mar 26, 2025
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला पर निशाना साधते हुए विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें सदन में बोलने नहीं दिया जा रहा है और यह कार्यवाही चलाने का सही तरीका नहीं है। राहुल गांधी ने मीडिया से कहा, "मुझे नहीं पता कि क्या चल रहा है। मैंने उनसे अनुरोध किया कि मुझे बोलने दें, लेकिन वह (अध्यक्ष) निकल गए। सदन चलाने का यह कोई तरीका नहीं है। अध्यक्ष बस चले गए और उन्होंने मुझे बोलने नहीं दिया। उन्होंने मेरे बारे में कुछ निराधार बातें कहीं। उन्होंने सदन को स्थगित कर दिया, इसकी कोई जरूरत नहीं थी।"
रायबरेली के सांसद ने कहा कि परंपरा यह है कि विपक्ष के नेता को सदन को संबोधित करने का मौका दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जब भी मैं खड़ा होता हूं, मुझे बोलने नहीं दिया जाता। हम जो कहना चाहते हैं, वह हमें नहीं करने दिया जाता। मैंने कुछ नहीं किया। मैं चुपचाप बैठा रहा। मैंने एक शब्द भी नहीं कहा। मुझे 7-8 दिनों से बोलने नहीं दिया जा रहा है। यह एक नई रणनीति है। विपक्ष के लिए कोई जगह नहीं है। उस दिन प्रधानमंत्री ने कुंभ मेले के बारे में बात की, मैं कुछ जोड़ना चाहता था, बेरोजगारी के बारे में बोलना चाहता था, लेकिन मुझे बोलने नहीं दिया गया। मुझे नहीं पता कि स्पीकर का दृष्टिकोण क्या है, लेकिन हमें बोलने नहीं दिया जा रहा है। यह काम करने का एक गैर-लोकतांत्रिक तरीका है।
वहीं, लोकसभा के उपनेता गौरव गोगोई, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और कांग्रेस सचेतक मणिकम टैगोर समेत कांग्रेस के लोकसभा सांसदों ने बुधवार को लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात की और विपक्ष के नेता राहुल गांधी को सदन में मौका न दिए जाने का मुद्दा उठाया। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बुधवार को गांधी से सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए सदस्यों से अपेक्षित प्रक्रिया के नियमों का पालन करने को कहा।