Modi-Trump से घृणा करने जॉर्ज सोरोस बना रहे कौन सा नया प्लान? अमेरिकी चुनाव से पहले खरीदे 200+ रेडियो स्टेशन

By अभिनय आकाश | Sep 27, 2024

करीब 90 साल की उम्र में चेहरे पर पड़ी झुर्रियां और लड़खड़ाती आवाज वाले एक व्यक्ति का सपना भारत और सनातन सभ्यता को नष्ट करना। भारत ही नहीं जार्ज सोरोस का शौक हर उस देश को तबाह करना है जहां पर मानवता के लिए कुछ भी अच्छा हो रहा हो। मोदी-ट्रंप से घृणा करने जॉर्ज सोरोस के नए प्लान का खुलासा हुआ है। अरबपति जॉर्ज सोरोस को अमेरिका में रेडियो स्टेशनों की दूसरी सबसे बड़ी सीरिज ऑडेसी को खरीदने की मंजूरी मिल गई है। ऑडेसी अमेरिका की दूसरी सबसे बड़ी रेडियो चेन है और इसके पास 40 बाजारों में 220 अमेरिकी रेडियो स्टेशन हैं। इसकी रीच 165 मिलियन लिसनर्स तक है। न्यूयॉर्क पोस्ट के अनुसार, अमेरिका में रेडियो, टेलीविजन, इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों को नियंत्रण करने वाली संस्था संघीय संचार आयोग (एफसीसी) ने मंजूरी दी है। इसे एक बड़ी डील माना जा रहा है। 

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रिपोर्ट के अनुसार ये निर्णय मतदान के बाद सामने आया है। पिछले सप्ताह आयोग के तीन डेमोक्रेट्स ने इसके पक्ष में और दो रिपब्लिकन ने इसके खिलाफ मतदान किया। एफसीसी के एक प्रवक्ता ने फॉक्स न्यूज़ डिजिटल को बताया कि आयोग द्वारा इसे जारी किए जाने तक कोई भी निर्णय अंतिम नहीं है। हालांकि एफसीसी की मंजूरी की टाइमिंग बेहद अहम है। अमेरिका में 5 नवंबर को चुनाव होने हैं। चुनाव से कुछ महीने पहले सोरोस की पहुंच 16 करोड़ से अधिक लोगों और 40 बाजारों तक हो जाएगी। एक दिलचस्प बात ये है कि जिस कंपनी को सोरोस ने अधिकृत किया है उस पर 400 मिलियन का कर्ज था। सोरोस ने हाल ही में ये कर्ज अपने हाथों में ले लिया था। जिससे वे इसके सबसे बड़े शेयरधारक बन गए। 

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टेक्सास के कांग्रेस सदस्य और रिपब्लिकन चिप रो ने अप्रैल में ऑडेसी की खरीद के बारे में गंभीर चिंता जताई थी। उन्होंने बताया कि सोरोस समूह ने एफसीसी से सामान्य प्रक्रिया को माफ करने के लिए कहा था। संघीय संचार अधिनियम के तहत, अमेरिकी रेडियो स्टेशनों पर किसी विदेशी कंपनी का मालिकाना हक़ 25% से अधिक नहीं होना चाहिए। रो ने कहा कि सोरोस समूह ने माना कि ऑडेसी के विदेशी स्वामित्व का स्तर इससे अधिक होगा, और फिर भी अनुरोध किया कि एफसीसी स्वामित्व के लिए आवेदन को मंजूरी देने में तेजी लाए ताकि "उन्हें देश भर के इन सैकड़ों स्थानीय रेडियो स्टेशनों में अपने स्वामित्व हितों को और अधिक तेज़ी से महसूस करने और उनकी बागडोर संभालने की अनुमति मिल सके।

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हंगरी मूल के अमेरिकी सोरोस निवेशक और समाजसेवी हैं। ओपन सोयासटी फाउंडेशन जिसका नाम 1945 की ओपन सोसायटी एंड इटस एनीमी नामक एक किताब से प्रेरित है। जिसका काम जीवंत और समावेशी लोकतंत्र बनाना और ऐसी सरकार अपने नागरिकों के प्रति जवाबदेह हो। उन्होंने 2020 में राष्ट्रवाद के प्रसार से निपटने के लिए एक नए विश्वविद्यालय नेटवर्क को वित्तपोषित करने के लिए 100 करोड़ देने का वचन दिया था। वह पीएम नरेंद्र मोदी, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आलोचक रहे हैं।


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