सुकमा माओवादी हमले पर आत्मचिंतन की जरूरत: राजनाथ

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 14, 2017

लोकसभा में छत्तीसगढ़ के सुकमा में पिछले दिनों हुए माओवादी हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ के 12 जवानों को श्रद्धांजलि देने के साथ ही गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने आज कहा कि इस घटना पर आत्मचिंतन करने और कमियों का पता लगाये जाने की जरूरत है ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने में मदद मिल सके। गृह मंत्री ने सदन में इस घटना पर लोकसभा में अपने बयान में कहा कि वह शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देने के साथ ही उनके परिजनों के प्रति संवेदना जाहिर करते हैं। उन्होंने साथ ही सदन को आश्वासन दिया कि शहीदों का यह बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।

 

राजनाथ सिंह ने इसके साथ ही कहा, ''लेकिन इस घटना पर आत्मचिंतन की जरूरत है। मैंने सीआरपीएफ के डीजी को घटना की विस्तृत जांच करने का निर्देश दिया है ताकि इस घटना को अंजाम देने वाली कमियों का पता लगाया जा सके। इससे भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने में मदद मिलेगी।’’ उन्होंने देशवासियों को आश्वस्त किया कि सरकार माओवादियों को लोगों को गुमराह करने और देश के कुछ हिस्सों को विकास के लाभ से वंचित करने में सफल नहीं होने देगी। गृह मंत्री ने बताया कि सुकमा हमले में 12 जवानों के शहीद होने के साथ ही दो जवान घायल हुए हैं जिनकी हालत स्थिर और खतरे से बाहर है। उन्हें बेहतर से बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिए संबंधित प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि जीवन की क्षति की भरपाई किसी भी तरह से पूरी नहीं की जा सकती है लेकिन सीआरपीएफ के शहीद जवानों के परिजनों को केंद्र सरकार की ओर से 35 लाख रूपये की अनुग्रह राशि, सीआरपीएफ के खतरा कोष से 20 लाख रूपये, सीआरपीएफ के कल्याण कोष से एक लाख रूपये, 25 लाख रूपये की बीमा राशि और छत्तीसगढ़ सरकार की ओर से तीन लाख रूपये की अनुग्रह राशि प्रदान की जाएगी। साथ ही शहीद जवान के परिजन को सेवानिवृत्ति की आयु तक पूरा वेतन भी प्रदान किया जाएगा।

 

11 मार्च 2017 की इस घटना पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पूरा राष्ट्र शोक की इस घड़ी में शहीदों के परिजनों के साथ खड़ा है और देश उनके बलिदान को कभी भूलेगा नहीं। उन्होंने घायल जवानों के भी शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। सिंह ने कहा कि सुरक्षा बलों के अभियानों की सफलता से माओवादी समूहों में खलबली मच गयी है और सुरक्षा बलों ने वर्ष 2016 के दौरान सभी नक्सल प्रभावित राज्यों विशेषकर छत्तीसगढ़ में भारी सफलता पायी है जहां 135 माओवादी कैडरों को मार गिराया गया, 779 को गिरफ्तार कर लिया गया तथा 1198 ने हथियार डाल दिए। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में हिंसक घटनाओं में भी 15 फीसदी की कमी आयी है। वर्ष 2016 में ऐसी 395 घटनाएं दर्ज की गयीं जबकि 2015 में ऐसी 466 घटनाएं सामने आयी थीं।

 

राजनाथ सिंह ने बताया कि इन आंकड़ों से भी सुरक्षा बलों के बढ़ते प्रभाव का पता चलता है कि वर्ष 2016 में मारे गए माओवादियों का आंकड़ा 150 फीसदी वृद्धि का रहा। वर्ष 2015 में जहां 89 माओवादी मारे गए तो वहीं वर्ष 2016 में सुरक्षा बलों ने 222 माओवादियों का सफाया कर दिया। इसी प्रकार गिरफ्तार और समर्पण करने वाले माओवादियों की संख्या में 47 फीसदी की वृद्धि हुई। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने गृह मंत्री से जानना चाहा कि क्या इस घटना में किसी प्रकार की खुफिया विफलता रही तो अध्यक्ष ने उन्हें बयान पर स्पष्टीकरण मांगने की अनुमति देने से इंकार कर दिया। संसदीय मामलों के राज्य मंत्री अनंत कुमार ने भी कहा कि बयान पर स्पष्टीकरण की कोई परंपरा नहीं है।

 

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