By अंकित सिंह | Jul 30, 2022
अफ्रीका महाद्वीप के हिंसा ग्रस्त कांगो में भारत के 2 जवानों की हत्या कर दी गई है। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेहद गंभीर हैं। उन्होंने तुरंत संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंतोनियो गुतारेस को फोन किया और इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की है। प्रधानमंत्री ने साफ तौर पर कहा है कि इस मामले में दोषियों को न्याय के दायरे में लाया जाए और उनके खिलाफ शीघ्र कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। इस बात की जानकारी पीएमओ के एक बयान से मिली है। बयान में साफ तौर पर कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस से कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन पर पिछले दिनों हुए हमले के बारे में चर्चा की है। प्रधानमंत्री ने इस बातचीत में दो भारतीय जवानों के मारे जाने का भी मुद्दा उठाया। संयुक्त राष्ट्र महासचिव की ओर से इस मामले में त्वरित कार्यवाही का आश्वासन भी प्रधानमंत्री मोदी को दिया गया है।
मोदी की ओर से संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में भारत की प्रतिबद्धता को एक बार फिर से उल्लेखित किया गया है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि अभी तक इसके तहत अभी तक इसके तहत 2,50,000 भारतीय शांति दूतों ने सेवा की है और इस दौरान 177 भारतीय शांति दूतों ने अपना सर्वोच्च बलिदान भी दिया है जो कि किसी भी देश के शांति दूतों की संख्या से सर्वाधिक है। गुतारेस ने बातचीत के दौरान भारतीय सीमा सुरक्षा बल के शहीद हुए कर्मियों के परिवारों के साथ ही भारत सरकार और यहां की जनता के प्रति संवेदना जताई। उन्होंने कांगो में संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन पर हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और इसकी त्वरित जांच के लिए हरसंभव कार्रवाई का आश्वासन दिया। पीएमओ के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी ने कांगो में शांति और स्थिरता के लिए भारत के अटूट समर्थन को रेखांकित किया, जहां 2,040 भारतीय सैनिक वर्तमान में तैनात हैं।
कांगो में संयुक्त राष्ट्र मिशन पर हमले में भारतीय शांति सैनिकों की मौत होने के बाद भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक बैठक बुलाई थी और यह सुनिश्चित किया था कि 15 देशों की सुरक्षा परिषद की तरफ से कड़े शब्दों में बयान जारी किया जाए, जिसमें शांति सैनिकों की हत्या के लिए जवाबदेही की मांग की गई हो। कांगो के उत्तरी किवु में 26 जुलाई को संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन पर हमले में सीमा सुरक्षा बल के दो जवानों हेड कांस्टेबल शिशुपाल सिंह व सांवाला राम विश्नोई और मोरक्को के एक शांति सैनिक की मौत हो गई थी। हमले के कुछ घंटे बाद, सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य भारत ने स्थिति पर चर्चा करने के लिए परिषद की बैठक बुलाई थी। एक दिन बाद, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने एक प्रेस बयान जारी किया था, जिसमें हमलों की कड़ी निंदा की गई थी और कांगो के अधिकारियों से हमलों की तेजी से जांच करने व अपराधियों को न्याय के कठघरे में खड़ा करने का आह्वान किया गया था।