By अभिनय आकाश | Sep 27, 2021
जर्मनी चुनाव में भारत समेत दुनिया की नजरें टिकी हैं। इस बार के जर्मनी चुनाव इसी लिए खास माने जा रहे थे क्योंकि 16 साल तक जर्मनी की सत्ता में रही चांसलर एंजेला मर्केल की विदाई हो रही है। एंजेला ने पहले ही साफ कर दिया था कि वो चांसलर की दौर से बाहर हैं। जर्मनी के संसदीय चुनाव में कांटे की टक्कर के बाद सोशल डेमोक्रेट्स ने बढ़त बना ली है। चुनाव नतीजों से जर्मन चांसलर एजेला मर्केल को बड़ा झटका लगता दिख रहा है। करीब 16 सालों तक सत्ता में रहने के बाद मर्कल की पार्टी यूनियन ब्लॉक हार की ओर बढ़ रही है।
बेहद मामूली अंतर से सोशल डेमोक्रेट्स की जीत
शुरुआती परिणामों के आधार पर माना जा रहा है कि जर्मनी की सेंटर-लेफ़्ट सोशल डेमोक्रेट्स ने बेहद मामूली अंतर से जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल की पार्टी को देश के संघीय चुनावों में हरा दिया है। एसडीपी ने 25.7% वोट हासिल किए हैं, वहीं सत्तारुढ़ कंज़रवेटिव गठबंधन सीडीयू/सीएसयू ने 24.1% वोट हासिल किए हैं। ग्रीन्स पार्टी ने अपने इतिहास में सबसे बड़ा परिणाम हासिल करते हुए तीसरे स्थान पर क़ब्ज़ा किया है और 14.8% वोट हासिल किए हैं। हालांकि, सरकार बनाने के लिए एक गठबंधन ज़रूर बनाना होगा।
ओलाफ़ स्कोल्ज़ बनेंगे चांसलर
चुनाव अभियान के दौरान ओलाफ़ स्कोल्ज़ के जर्मनी के नए चांसलर बनने की संभावनाओं को मज़बूती मिली है। 62 वर्षयी ओलाफ़ स्कोल्ज़ भी जर्मनी की राजनिति में कामयाबी से पदों पर रहे हैं। वो इस समय जर्मनी के वित्त मंत्री हैं और चांसलर एंगेला मर्केल के डिप्टी हैं। 2011 में वह हैम्बर्ग के मेयर चुने गए और इस दौरान उन्होंने शहर की वित्तीय सेहत सुधारने में कामयाबी हासिल की थी।