By अंकित सिंह | Jul 04, 2023
महाराष्ट्र में राजनीतिक उथल-पुथल जारी है। शरद पवार की पार्टी एनसीपी में फूट पड़ गई है। अजित पवार बगावत के रास्ते पर हैं। उन्होंने शिंदे-भाजपा सरकार को अपना समर्थन दिया है। वह सरकार में बतौर उपमुख्यमंत्री शामिल हुए हैं। इसके अलावा एनसीपी के कई विधायक सरकार में मंत्री बने हैं। शरद पवार का साफ तौर पर कहना है कि वह इस बात से कमजोर नहीं होंगे। वह पार्टी को फिर से खड़ा करेंगे। इसके साथ ही वह भाजपा पर जोड़-तोड़ की राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं। भाजपा की ओर से भी पलटवार किया जा रहा है। इन सब बीच भाजपा विधायक नितेश राणे ने महा विकास आघाडी पर निशाना साधा है।
भाजपा नेता नितेश राणे ने कहा कि जो एनसीपी संजय राउत को वेतन देती थी, वह अब एनडीए सरकार में शामिल हो गई है, जिसका मतलब है कि महाराष्ट्र की राजनीति में संजय राउत का महत्व अब खत्म हो गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे गुट और कांग्रेस के बीच कभी भी अच्छे संबंध नहीं थे। अब जब एनसीपी एनडीए के साथ आ गई है, तो उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे सभी राजनीतिक रूप से बेरोजगार हो गए हैं। उन्होंने दावा किया कि एमवीए अब आधिकारिक तौर पर खत्म हो गया है। एमवीए को 'रेस्ट इन पीस' कहने का समय आ गया है। आपको बता दें कि शरद पवार, कांग्रेस और उद्धव ठाकरे की ओर से साफ तौर पर कहा जा रहा है कि जो कुछ भी हुआ है इससे महा विकास आघाडी पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने पिछले एक साल में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण फैसलों का उल्लेख करते हुए मंगलवार को एक पुस्तिका जारी की। मुख्यमंत्री शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार ने पिछले एक साल में किए कामों का उल्लेख करते हुए पुस्तिका का विमोचन किया। गौरतलब है कि रविवार को अजित पवार की अगुवाई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नौ विधायकों के सरकार में शामिल होने के बाद मंत्रिमंडल की यह पहली साप्ताहिक बैठक थी। राज्य में शिवसेना-भाजपा गठबंधन सरकार को 30 जून को एक साल पूरा हो गया।