By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Dec 24, 2021
नयी दिल्ली| महाराष्ट्र का एक गैर सरकारी संगठन(एनजीओ) भारत के प्रथम प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत के पैतृक गांव को गोद लेने की प्रक्रिया में जुटा हुआ है। इस महीने की शुरूआत में तमिलनाडु में एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में सीडीएस रावत का निधन हो गया था।
लातूर के डॉ. हरिवंशराय बच्चन प्रबोधन प्रतिष्ठान (एचबीपीपी) को पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखंड) जिला प्रशासन ने सैण गांव में विकास गतिविधियां करने की अनुमति दी है, जहां उपयुक्त सड़क संपर्क का अभाव है।
एचबीपीपी संस्थापक निवृत्ति यादव ने कहा कि स्थलाकृति को समझने के लिए अगले हफ्ते सैण गांव की यात्रा की जायेगी और वहां विकास गतिविधयों की योजना पर विचार होगा।
उन्होंने पीटीआई-से कहा कि एचबीपीपी अपने खुद के संसाधनों का उपयोग करेगा और स्वास्थ्य एवं शिक्षा संस्थान खोलने, सड़क बनाने के लिए सरकार से मदद मांगेगा तथा किसानों से भी संपर्क करेगा। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि एचबीपीपी द्वारा गांव को गोद लेने की प्रक्रिया ने गति पकड़ ली है।
उन्होंने बताया कि एनजीओ के प्रतिनिधि सैण गांव पहुंचेंगे और वहां की जाने वाली विकास गतिविधियों की एक मसौदा योजना बनाएंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने जिलाधिकारी को गांव में विकास कार्य करने के एचबीपीपी के इरादे से उन्हें अवगत कराने के लिए पत्र लिखा था।
जिलाधिकारी विजय कुमार जोगबंदे ने एचबीपीपी संस्थापक को लिखे एक पत्र में कहा, ‘‘...आपकोराष्ट्र के वीर सपूत जनरल बिपिन रावत के पैतृक गांव, पौड़ी गढ़वाल स्थित सैण में, नियमों के मुताबिक विकास गतिविधियां करने की अनुमति दी जाती है। ’’ यादव के मुताबिक, एचबीपीपी ने 2013 में केदारनाथ में आई बाढ़ के दौरान भी राहत सामग्री भेजी थी।