कांग्रेस के भारी हंगामे के कारण लोकसभा में गतिरोध कायम

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 25, 2017

लोकसभा में कांग्रेस के छह सदस्यों के निलंबन और पार्टी सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ भाजपा के कुछ सदस्यों की टिप्पणी को लेकर कांग्रेस सहित विपक्ष के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही लगातार बाधित रही तथा अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे बैठक को पूरे दिन के लिए स्थगित कर दिया गया। नवनिर्वाचित राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के शपथ ग्रहण समारोह में मंत्रियों और सांसदों के शामिल होने की व्यवस्था के तहत अध्यक्ष ने लोकसभा की कार्यवाही आज सुबह शुरू होने के कुछ ही मिनट के भीतर ही अपराह्न बाद तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी थी।

 

अपराह्न तीन बजे बैठक शुरू होने पर स्पीकर ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए और कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपनी बात कहने का अवसर दिया। सिंधिया ने आरोप लगाया कि पिछले दो दिन में भाजपा सांसदों वीरेंद्र कुमार, मनोहर उटवाल और नदंकुमार चौहान ने उनके बारे में यह वक्तव्य दिया है कि उन्होंने एक सभास्थल पर दलितों के खिलाफ बयान दिये और उस जगह को गंगाजल से धुलवाया। सिंधिया ने कहा कि ये आरोप पूरी तरह गलत हैं। पूरे कार्यक्रम का वीडियो है। सिंधिया ने कहा, ‘‘मैंने 15 साल जनप्रतिनिधि के रूप में मेहनत की है, हर समाज के लिए लड़ाई लड़ी है। अगर साबित हो जाए कि जैसे कि आरोप हैं, ऐसा मैंने कुछ भी किया है या कहा है तो मैं अभी सदन से त्यागपत्र देने को तैयार हूं और यह साबित नहीं होता तो तीनों भाजपा सांसद इस्तीफा दें।

 

इस बीच स्पीकर ने मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (संशोधन) विधेयक, 2017 को चर्चा के लिए रखने का निर्देश दिया। जावड़ेकर विधेयक पर कुछ कह रहे थे तभी सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे बोलने का मौका नहीं दिये जाने पर अप्रसन्नता जताते हुए विरोध जताने लगे। इस पर लोकसभा अध्यक्ष ने कहा, ‘‘मैं सभी को मौका देने का प्रयास कर रही हूं। अगर झगड़ा ही करना है तो सदन मत चलाइए। मैं अभी कार्यवाही स्थगित कर देती हूं।’’ उन्होंने कहा कि विधेयक पर चर्चा शुरू करनी है। आप जो मुद्दा (कथित गोरक्षकों द्वारा लोगों की पीट-पीटकर हत्या का) उठा रहे हैं, उस पर जब चाहें नियम 193 के तहत चर्चा हो सकती है। सरकार ने भी कहा है कि चर्चा में उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। इस बीच कांग्रेस और भाजपा के सांसद खड़े होकर जोर जोर से एक दूसरे की बात का विरोध करते हुए शोर मचाने लगे। संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार भी कुछ कहते हुए देखे गये। हालांकि स्पीकर के प्रयासों के बाद दोनों पक्षों के सदस्य शांत हुए और खड़गे को उनकी बात कहने का मौका दिया गया।

 

खड़गे ने ज्योतिरादित्य सिंधिया के ही विषय को रखते हुए और उनका जिक्र करते हुए कहा कि जो युवक 15 साल से संसद में प्रतिनिधित्व कर रहा है। जिसने कभी दलितों के खिलाफ कुछ नहीं बोला और दलितों के लिए हमेशा लड़ाई लड़ी है। ऐसे युवकों की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है। उनके खिलाफ भाजपा सांसदों के बयानों को वापस लिया जाए। ज्ञातव्य है कि सोमवार को सदन में शून्यकाल में भाजपा के वीरेंद्र कुमार ने कहा था कि मध्य प्रदेश के अशोक नगर में हाल ही में एक अस्पताल के ट्रोमा सेंटर का उद्घाटन स्थानीय विधायक गोपीलाल जाटव ने किया था। वीरेंद्र कुमार ने आरोप लगाया कि उद्घाटन के बाद सिंधिया ने इस तरह का वक्तव्य दिया कि वहां पर एक दलित विधायक के द्वारा जिस स्थान का उद्घाटन किया गया है, वहां पर गंगा जल का छिड़काव करके उस स्थान को पवित्र किया जाएगा और उस स्थान पर गंगाजल छिड़ककर दोबारा उद्घाटन किया गया। खड़गे ने यह आरोप भी लगाया कि संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार समस्या का समाधान कराने के बजाय उकसा रहे हैं। उन्होंने यह मांग भी की कि कांग्रेस के जिन छह सांसदों को सोमवार को सदन के नियमों के खिलाफ आचरण के मामले में पांच दिन के लिए निलंबित किया गया था उनके निलंबन को वापस लिया जाए। खड़गे ने कहा, ‘‘लोकतंत्र में भावनाओं में ऐसा हो जाता है। हम सबको मिलकर समस्याओं को सुलझाना होगा।’’

 

अनंत कुमार ने खड़गे को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि कल कागज फाड़कर आसन की ओर उछाले गये। यह संसदीय इतिहास में काला दिन था। अगर खड़गे जी को कल का घटनाक्रम जायज लगता है तो वह कह दें कि यह संसदीय परंपरा का हिस्सा है। हमें यह संसदीय परंपरा नहीं लगती। उन्होंने कहा कि हमने कभी आपातकाल की स्थिति नहीं पैदा की। उन्होंने कहा कि भाजपा और राजग को कांग्रेस और खड़गे से संसदीय लोकतंत्र का पाठ सीखने की जरूरत नहीं है। कुमार ने कहा कि हम संसद चलाना चाहते हैं। हर विषय पर चर्चा को तैयार हैं।

 

तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय और माकपा के मोहम्मद सलीम ने भी स्पीकर से छह कांग्रेस सांसदों के निलंबन के आदेश पर पुनर्विचार करने का निवेदन करते हुए निलंबन वापस लेने की मांग की। हालांकि अध्यक्ष ने स्पष्ट किया कि इस मांग पर वह अभी कुछ नहीं कह रही हैं। सिंधिया पर सोमवार को शून्यकाल में आरोप लगाने वाले भाजपा सांसद वीरेंद्र कुमार आज सिंधिया के बोलने के बाद लोकसभा अध्यक्ष से अपना पक्ष रखने की मांग करते देखे गये लेकिन अध्यक्ष ने उन्हें बोलने का अवसर नहीं दिया। इसके बीच अध्यक्ष ने फिर से जावड़ेकर को विधेयक पर अपनी बात रखने का निर्देश दिया। वह विधेयक के प्रावधानों की जानकारी दे ही रहे थे, तभी कांग्रेस के सदस्य अपनी मांगों को दोहराते हुए आसन के समीप आकर नारेबाजी करने लगे। हंगामा थमता नहीं देख अध्यक्ष ने सदन की बैठक करीब तीन बजकर 25 मिनट पर पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी।

 

गौरतलब है कि लोकसभा की कार्यवाही में बाधा डालने और आसन के पास विरोध प्रदर्शन करते हुए कागज फाड़कर उछालने व सदन की कार्यवाही के नियमों के विरुद्ध आचरण करने के मामले में लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कल कांग्रेस के छह सदस्यों गौरव गोगोई, के. सुरेश, अधीर रंजन चौधरी, रंजीत रंजन, सुष्मिता देव और एमके राघवन को लगातार पांच बैठकों के लिए सदन से निलंबित कर दिया था।

 

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