हिंदुत्व की तरह सावरकर के मुद्दे पर भी ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने कर लिया समझौता?

By नीरज कुमार दुबे | Mar 30, 2023

पूर्व सांसद राहुल गांधी बार बार वीर सावरकर का अपमान किये जा रहे थे। जिसके चलते कांग्रेस से उसकी सहयोगी पार्टी उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना नाराज हो गयी। वह कांग्रेस की बैठकों में नहीं गयी। शरद पवार ने समझाया तो सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने संजय राउत को मिलने के लिए बुलाया। इस मुलाकात के बाद संजय राउत ने कहा कि अब कोई चिंता की बात नहीं है। संजय राउत को बताना चाहिए कि क्या वीर सावरकर का अपमान करने के लिए राहुल गांधी ने माफी मांग ली है? संजय राउत को बताना चाहिए कि समझौते के तहत राहुल गांधी वीर सावरकर का अपमान क्या सिर्फ चुनावों तक नहीं करेंगे या उसके बाद भी कभी वह महान स्वतंत्रता सेनानी सावरकर का अपमान नहीं करेंगे? संजय राउत को बताना चाहिए कि क्या कांग्रेस ने यह आश्वासन भी दिया है कि उसकी प्रदेश इकाइयों के जो लोग राहुल गांधी की संसद से अयोग्यता मुद्दे पर प्रदर्शन करते हुए वीर सावरकर का अपमान कर रहे हैं, वह सब भी अब बंद हो जायेगा?


संजय राउत को बताना चाहिए कि क्या कांग्रेस पार्टी अपने सोशल मीडिया अकाउंटों से वीर सावरकर के अपमान वाले वीडियो और अन्य पोस्टों को हटायेगी? संजय राउत को बताना चाहिए कि क्या 'सावरकर नहीं गांधी है' वाला प्रचार अभियान कांग्रेस ने वापस ले लिया है? संजय राउत को बताना चाहिए कि क्या वीर सावरकर को भारत रत्न की मांग का कांग्रेस अब समर्थन करेगी? संजय राउत को बताना चाहिए कि क्या अब वीर सावरकर से जुड़े इतिहास को कांग्रेस के नेता पढ़ कर दिखाएंगे?

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संजय राउत को बताना चाहिए कि क्या जैसे शिवसेना ने सत्ता में रहते हुए हिंदुत्व के मुद्दे को ठंडे बस्ते में डाला था उसी तरह एमवीए को बचाने के लिए वीर सावरकर के सम्मान से जुड़े विषय को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया है? संजय राउत को बताना चाहिए कि जिस तरह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और अन्य लोगों ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट की डीपी में सावरकर की फोटो लगायी है क्या उस तरह का साहस एमवीए के नेता भी दिखाएंगे?


बहरहाल, जो लोग वीडी सावरकर का नाम अनावश्यक रूप से धूमिल कर रहे हैं उनके बारे में यही कहा जा सकता है कि वह स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सावरकर के अतुलनीय बलिदान से अनजान हैं। देश के नायक और राष्ट्रवादी अत्यंत सम्मान के पात्र हैं इसलिए उनके नाम पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए। वीर सावरकर की आलोचना करने वाले लोग यदि स्वतंत्रता संग्राम में उनके योगदान और नि:स्वार्थ बलिदान के बारे में जानेंगे तो निश्चित ही उनकी धारणा में परिवर्तन होगा।


-नीरज कुमार दुबे

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