Karnataka : भाजपा के अनुभवी नेता ईश्वरप्पा ने पार्टी में अनुशासनहीनता पर जताई नाराजगी

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jun 26, 2023

शिवमोगा(कर्नाटक)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कर्नाटक इकाई के कुछ नेताओं के बयान दिया है कि हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव में पार्टी को मिली हार में ‘सामंजस्य की राजनीति’ जिम्मेदार है जिसको लेकर राजनीतिक बहस शुरू हो गई है। पार्टी के अनुभवी नेता के. एस.ईश्वरप्पा ने सोमवार को पार्टी मेंअनुशासन की ‘अनदेखी’ को लेकर नाराजगी व्यक्त की और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष से इसे रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने का आह्वान किया। पूर्व उप मुख्यमंत्री ईश्वरप्पा ने स्वीकार किया कि भाजपा में कुछ हद तक अनुशासनहीनता है।

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उन्होंने इसके लिए कांग्रेस के ‘प्रभाव’ को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि पार्टी आलाकमान मजबूत है और वह उचित समय पर कदम उठाएगा। उन्होंने कहा,‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह की चर्चा खुले आम भाजपा में हो रही है। अगर ऐसी चीजें हो रही हैं तो इस पर चारदीवारी के भीतर बैठकर चर्चा की जानी चाहिए। मैंने प्रदेश अध्यक्ष से बात की है और अनुरोध किया है कि वह उन लोगों को बुलाकर बात करें जो सार्वजनिक रूप से बोल रहे हैं और मामले का समाधान करें।’’ ईश्वरप्पा ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘ सार्वजनिक रूप से बयान देने वालों से मेरा अनुरोध है कि वे ऐसा बयान नहीं दें क्योंकि विधानसभा चुनाव में मिली हार से पहले ही पार्टी कार्यकर्ता आहत हैं और इससे अनुशासन को और क्षति पहुंच सकती है। अगर कोई बात है तो वे प्रदेश अध्यक्ष और पार्टी नेतृत्व के संज्ञान में लाएं।’’

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जब उनसे पूछा गया कि क्या भाजपा में अनुशासन ‘खत्म’ हो गया तो उन्होंने इस बदलाव के लिए कांग्रेस छोड़कर पार्टी में आए नेताओं को जिम्मेदार ठहराया। ईश्वरप्पा ने कहा, ‘‘पार्टी के बढ़ने के साथ अनुशासन कुछ हद तक प्रभावित हुआ है। जब हम केवल चार लोग थे तो बहुत अधिक अनुशासन था। आज, भाजपा की उपस्थिति पूरे देश में है और यह अब दुनिया की सबसे पार्टी है। इसलिए यहां और वहां कांग्रेस की हवा हमें प्रभावित कर रही है क्योंकि कांग्रेस के कई नेता पार्टी में शामिल हुए हैं।’’ जब यह कहा गया कि भाजपा के नेता कांग्रेस के लोगों को पार्टी में शामिल कराने के लिए गए थे तो ईश्वरप्पा ने कहा, ‘‘उनके हमारे पास आने के बाद से हम भुगत रहे हैं... हमारा आलाकमान कमजोर नहीं है और जब जरूरी होगा कार्रवाई करेगा।’’

गौरतलब है कि 10 मई को कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे और 224 सदस्यीय विधानसभा में 135 सीट पर जीत दर्ज कर कांग्रेस ने भाजपा को सत्ता से बेदखल कर दिया था। विधानसभा चुनाव में भाजपा को केवल 66 सीट मिली थी जबकि पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा की पार्टी जनता दल (सेक्युलर) ने 19 सीट पर जीत दर्ज की थी।

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