गया। रोड रेज के मामले में गया के एक युवक की हत्या के संबंध में गिरफ्तार रॉकी यादव की मां एवं जदयू की फरार विधान पार्षद मनोरमा देवी ने आज अदालत में समर्पण कर दिया और उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। अदालत की सुबह कार्रवाई शुरू होते ही मनोरमा देवी ने अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट-चतुर्थ सोम सागर की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है।
मनोरमा देवी के बेटे रॉकी की तलाश के दौरान उनके घर से शराब की बोतलें बरामद की गई थीं। इस संबंध में मनोरमा के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था जिसके बाद वह पिछले हफ्ते से फरार थीं। यह अदालत मनोरमा की संपत्ति कुर्क किए जाने के संबंध में पुलिस द्वारा सोमवार को किए गए अनुरोध पर भी आज फैसला सुना सकती है। गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद से पुलिस मनोरमा देवी की तलाश कर रही थी लेकिन वह आज स्वयं अदालत में पेश हुईं। यह पूछे जाने पर कि उनके आत्मसमर्पण करने से पहले उन्हें गिरफ्तार करने के लिए क्या पुलिस अदालत परिसर में थी, गया की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गरिमा मलिक ने बताया कि निलंबित विधायक ने पुलिस के बढ़ते दबाव के कारण आत्मसमर्पण किया। विधान पार्षद के आत्मसमर्पण करने के साथ ही मनोरमा देवी का पूरा परिवार 12वीं कक्षा के छात्र सचदेव की हत्या के मामले में अब जेल में है। मनोरमा के पति और बेटा पहले ही जेल में हैं। सचदेव की कथित रूप से रॉकी यादव ने उस समय गोली मारकर हत्या कर दी थी जब उसकी कार ने रॉकी की एसयूवी को ओवरटेक किया था।
विधान पार्षद के वकील मोहम्मद सैफुद्दीन ने बाद में बताया कि उन्होंने अदालत से कहा है कि उनका (मनोरमा) स्वास्थ्य ठीक नहीं है और उन्हें हिरासत में उचित चिकित्सकीय सुविधा मुहैया कराई जानी चाहिए। अदालत ने इसे स्वीकार कर लिया और अधिकारियों को उन्हें चिकित्सीय सुविधा मुहैया कराने का आदेश दिया। अदालत से जेल ले जाए जाते समय विधान पार्षद ने आरोप लगाया कि भाजपा ने राजनीति हित साधने के लिए उन्हें फंसाया है। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘क्या मैं शराब पीती हूं जो मैं अपने घर में शराब की बोतल रखूंगी?’’
जदयू की निलंबित विधान पार्षद ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि वह धर्मनिरपेक्ष महागठबंधन सरकार के साथ हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा था कि गया मामले और सिवान में राजदेव रंजन की हत्या के मामले में कानून के चंगुल से कोई नहीं बच सकता।